इन 5 गानों को सुन लेंगे तो छूमंतर हो जाएगा डिप्रेशन..., 50 साल से जीत रहे लोगों का दिल, 1 बार सुनेंगे...

Update: 2024-01-08 12:43 GMT


मुंबई : ‘राग और ताल’ ये दो शब्द भारत में केवल संगीत तक सीमित नहीं हैं. किसी बड़े विद्वान ने कहा है कि राग और ताल भारत के रग-रग में बसा है. भारत राग और ताल का देश है. यहां संगीत से लेकर जिंदगी की लय में भी राग और ताल खोजा जा सकता है. संगीत के राग इतने दमदार हैं कि इससे किसी बीमार को इनकी झंकार से बिस्तर छुड़वाया जा सकता है.

कई जगहों पर संगीत का ट्रीटमेंट भी होता है. राग की झंकार का मन में गहरा असर होता है और झटके में मूड बदल जाता है. एक राग है जिसका नाम है ‘अहीर भैरव’ (Ahir Bhairav). इस राग से बने गाने आपको डिप्रेशन और घबराहट से चुटकी में बाहर निकाल सकते हैं. अगर आप भी रात के अकेले में डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हैं तो बॉलीवुड फिल्मों में फिल्माए गए ये गाने आपका मूड ठीक कर सकते हैं.

1-‘अलबेला सजन आयो रे’ ( Albela Sajan Aayo Re): सलमान खान और ऐश्वर्या राय स्टारर सुपरहिट फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ (Hum Dil De Chuke Sanam) में एक गाना था. इस गाने के बोल थे ‘अलबेला सजन घर आया’. इस गाने ने रातों-रात पूरे देश में लोगों के दिल में जगह बना ली थी. ये गाना राग अहीर भैरव का सबसे बेहतरीन गाना है. इस गाने की झंकार कान में पड़ते ही मन नाचने लगता है. गाने को शंकर महादेवन और कविता कृष्णमूर्ति ने गाया था.

2-‘पूछो ना कैसे मैंने’ (Poochho Na Kaise Maine): साल 1963 में रिलीज हुई फिल्म ‘मेरी सूरत तेरी आंखें’ (Meri Surat Teri Ankhen) फिल्म भले ही आज 60 साल बाद गुमनाम हो गई हो. लेकिन इस फिल्म में राग अहीर भैरव पर बना गाना ‘पूछो ना कैसे मैंने’ लोगों के दिलों में जिंदा है. इस गाने को 60 साल बाद भी लोग भूल नहीं पाये हैं. इस गाने को मन्नाडे ने कंपोज किया था. फिल्म से ज्यादा इस गाने को लोगों ने पसंद किया था

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