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Death in Space: अगर अंतरिक्ष में हो गई किसी की मौत तो शव का क्या होगा? पढ़ें GK बढ़ाने वाली खबर...
Death in Space :
Death in Space : पहले अंतरिक्ष की यात्रा आसान नहीं थी, पर अब समय के साथ सबकुछ आसान हो गया है। कई कंपनियां लोगों को अंतरिक्ष की यात्रा करा रही हैं, जिनमें ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक जैसी कंपनियों का नाम शामिल है। हालांकि किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजना साधारण रूप से आसान नहीं …
Death in Space : पहले अंतरिक्ष की यात्रा आसान नहीं थी, पर अब समय के साथ सबकुछ आसान हो गया है। कई कंपनियां लोगों को अंतरिक्ष की यात्रा करा रही हैं, जिनमें ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गैलेक्टिक जैसी कंपनियों का नाम शामिल है। हालांकि किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजना साधारण रूप से आसान नहीं है। इसके साथ ही खतरनाक काम भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर अंतरिक्ष में मौत हो जाती है तो क्या होगा? शव के साथ क्या होता है? क्या अंतरिक्षयात्री के शव को वापस लाया जाता है?
Death in Space : दरअसल, इस सवाल को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का प्रोटोकॉल काफी स्पष्ट है। मानव अंतरिक्ष अन्वेषण की शुरुआत 60 साल पहले हुई थी और इसमें अभी तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। नासा की साल 2025 में चंद्रमा पर एक दल भेजने की योजना है। इसके अलावा आने वाले दशक में मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा। दो-तीन दशकों में आम लोगों के बीच भी अंतरिक्ष यात्रा को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। बढ़ती अंतरिक्ष यात्रा के साथ ही रास्ते या अंतरिक्ष में किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत की आशंका भी बढ़ रही है।
Death in Space : साल 1986 से लेकर 2003 के बीच नासा अंतरिक्ष शटल त्रासदी में 14 अंतरिक्ष यात्रियों की जान जा चुकी है। साल 1971 में सोयुज 11 मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्रियों, 1967 में अपोलो 1 लॉन्च पैड की आग में तीन अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई थी।
क्या है नासा का प्रोटोकॉल?
Death in Space : अंतरिक्ष में मौत को लेकर नासा का प्रोटोकॉल क्या कहता है? यह जानना बेहद जरूरी है। अगर किसी की अंतरिक्ष में मौत होती है, तो डेड बॉडी का क्या होगा? इस सवाल पर अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि दल के सदस्य की मौत की स्थिति में अंतरिक्ष यात्री की टीम की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है।
नासा का चांद और मंगल मिशन
Death in Space : नासा की साल 2025 में चंद्रमा पर एक दल भेजने की योजना है। इसके अलावा आने वाले दशक में मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा। अंतरिक्ष की यात्रा आम होती जा रही है। उसी तरह संभावना बढ़ रही है कि अंतरिक्ष में कोई मर जाए, तो उसके शरीर का क्या होगा?
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एस्ट्रोनॉट्स को स्वस्थ रखने के लिए अंतरिक्ष चिकित्सक नए तरीकों की लगातार खोज में लगे हैं। कन्वर्सेशन पत्रिका में अंतरिक्ष चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा के प्रोफेसर, इमैनुएल उरक्विएटा की तरफ से कुछ सवालों के जवाब दिए गए हैं। इमैनुएल बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ की उनकी टीम अंतरिक्ष में जाने वाले शोधकर्ताओं को स्वस्थ रखने की हरसंभव कोशिश करती है।
चंद्रमा और मंगल ग्रह में हुई मौत
Death in Space : बताया गया है कि अगर कोई निचले पृथ्वी की कक्षा मिशन पर मर जाता है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर, तो चालक दल कुछ घंटों के भीतर एक कैप्सूल में शरीर को धरती पर ला सकता है। इसके अलावा चांद पर कोई अंतरिक्ष यात्री मर जाता है, तो दल कुछ ही दिनों में शव के साथ धरती पर वापस लौट सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पास इन हालात के लिए पहले से ही प्रोटोकॉल मौजूद हैं। नासा की पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करनr होगी कि शेष बचे अंतरिक्ष यात्री धरती पर सुरक्षित लौट आएं।
Death in Space : अगर मंगल ग्रह की यात्रा के दौरान किसी की मौत हो जाती है, तो चीजें बिल्कुल अलग होंगी। संभवत: चालक दल लौटकर वापस नहीं आ पाएगा। मिशन के आखिरी में यानी कुछ साल बाद चालक दल के साथ शव के आने की संभावना है। शव को चालक दल एक अलग कक्ष या विशेष बॉडी बैग में संरक्षित रखेगा। अंतरिक्ष यान में स्थिर तापमान और आर्द्रता सैद्धांतिक रूप से शरीर को संरक्षित करने में सहायता करेगी। लेकिन यह सभी तभी लागू होंगे, जब किसी की मौत अंतरिक्ष स्टेशन या अंतरिक्ष यान जैसे दबाव वाले वातावरण में हुई हो।
क्या किया जा सकता है दाह संस्कार?
Death in Space : अगर किसी की मंगल की सतह पर मौत हो जाती है, तो उसका दाह संस्कार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसके लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है, जो दल के जीवित सदस्यों के दूसरे उद्देश्यों के लिए चाहिए। इसके अलावा दफनाया भी नहीं जा सकता है। शरीर के बैक्टीरिया और दूसरे जीव मंगल ग्रह की सतह को दूषित कर सकते हैं। संभवत: शव को एक विशेष बॉडी बैग में धरती पर वापस आने तक सुरक्षित रखा जाएगा।