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Sawan Rudrabhishek 2023 : सावन में भगवान भोलेनाथ को रूद्राभिषेक से करें प्रसन्न, पूरी होगी हर मनोकामना, फटाफट नोट कर लें विधि और महत्व

Sharda Kachhi
2 July 2023 2:35 AM GMT
Sawan Rudrabhishek 2023 :
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Sawan Rudrabhishek 2023 :

Sawan Rudrabhishek 2023 : भगवान भोलेनाथ सबसे सरल व सहज देवता है। शिवजी का प्रिय महीना सावन 04 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस माह में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा-पाठ करते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन में रुद्राभिषेक सबसे उत्तम माना जाता है। रुद्राभिषेक एक …

Sawan Rudrabhishek 2023 :
Sawan Rudrabhishek 2023 :

Sawan Rudrabhishek 2023 : भगवान भोलेनाथ सबसे सरल व सहज देवता है। शिवजी का प्रिय महीना सावन 04 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस माह में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा-पाठ करते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन में रुद्राभिषेक सबसे उत्तम माना जाता है। रुद्राभिषेक एक पूजा और धार्मिक क्रिया है, जो भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाती है।

Sawan Rudrabhishek 2023 : इस प्रक्रिया में शिवलिंग पर जल, धूप, दीप और बिल्वपत्र की अर्पण किया जाता है और मंत्रों का जाप भी किया जाता है। रुद्राभिषेक का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। यह पूजा भक्ति और समर्पण का एक विशेष प्रकार है, जिसमें शिव के गुणों को स्मरण करते हुए उनकी कृपा प्राप्ति का प्रयास किया जाता है। आइए जानते हैं कि रुद्राभिषेक क्या होता है और इसके क्या महत्व हैं…

रुद्राभिषेक का अर्थ
Sawan Rudrabhishek 2023 : रुद्राभिषेक दो शब्दों रुद्र और अभिषेक से मिलकर बना है। भगवान शिव को ही रुद्र भी कहा जाता है। वहीं अभिषेक का अर्थ है स्नान कराना। इस प्रकार से रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान शिव का अभिषेक। इसलिए शिव पूजा में रुद्राभिषेक जरूर कराते हैं। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं।

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रुद्राभिषेक के लिए आवश्यक सामग्री
रुद्राभिषेक के लिए प्रयुक्त सामग्री में मुख्यरूप से जल, दूध, घी, दही, मधु, गंध, धूप, दीप, फूल, बेलपत्र, रुद्राक्ष, पुष्पमाला, कुश आदि शामिल होते हैं।

कब करें रुद्राभिषेक?
Sawan Rudrabhishek 2023 : रुद्राभिषेक के लिए शिवलिंग में भगवान भोलेनाथ की उपस्थिति देखना अत्यंत आवश्यक है। कहा जाता है कि शिव जी शिवरात्री, प्रदोष और सावन सोमवार के दौरान सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। ऐसे में ये समय रुद्राभिषेक के लिए सबसे उत्तम हो है।

रुद्राभिषेक के प्रकार
कलह कलेश दूर करने के लिए दही से रुद्राभिषेक।
उत्तम सेहत के लिए भांग से रुद्राभिषेक।
घी की धारा से रुद्राभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है।
ग्रह दोष दूर करने के लिए गंगाजल से रुद्राभिषेक।
धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक
घर में सुख एवं शांति के लिए दूध से रुद्राभिषेक।
शिक्षा में सफलता के लिए शहद से रुद्राभिषेक।
दुश्मनों को परास्त करने के लिए भस्म से रुद्राभिषेक।

रुद्राभिषेक विधि
Sawan Rudrabhishek 2023 : रुद्राभिषेक से पूर्व भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करें। इसके बाद फिर रुद्राभिषेक की शुरुआत करें। शिवलिंग उत्तर दिशा में रखें और जो लोग रुद्राभिषेक कर रहे हैं उनका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। इसके बाद श्रृंगी में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र का जाप करें।

Sawan Rudrabhishek 2023 : गंगाजल चढ़ाने के बाद दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, सरसों का तेल, इत्र भगवान शिव जी को अर्पित करें। फिर सफेद चंदन का लेप बनाकर शिवलिंग का श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ को पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, भस्म, नारियल आदि अर्पित करें और फल और मिठाई का भोग लगाएं।

Sawan Rudrabhishek 2023 : अंत में पूरे परिवार के साथ शिव जी की आरती करें। आरती के बाद अभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करें। रुद्राभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करने से रोगों से छुटकारा मिलता है।

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