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भेंट मुलाकात (रायपुर दक्षिण विधानसभा): मुख्यमंत्री ने किया स्व.पं.लक्ष्मण जयदेव सतपथी की प्रतिमा का अनावरण, कंकाली तालाब जीर्णोधार-सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण भी, पढ़ें हर अपडेट्स...
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात अभियान के अंतर्गत रायपुर दक्षिण विधानसभा के कटोरा तालाब के पास सतपथी चौक में 65 हजार रुपए की लागत से भिलाई के रहने वाले पद्मश्री नेल्सन द्वारा निर्मित स्व.पं.लक्ष्मण जयदेव सतपथी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को अपनी बधाई एवं …
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात अभियान के अंतर्गत रायपुर दक्षिण विधानसभा के कटोरा तालाब के पास सतपथी चौक में 65 हजार रुपए की लागत से भिलाई के रहने वाले पद्मश्री नेल्सन द्वारा निर्मित स्व.पं.लक्ष्मण जयदेव सतपथी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मूर्ति अनावरण से पूर्व दक्षिण विधानसभा की महिलाओं ने मुख्यमंत्री का आरती कर आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतपथी जी अपनी बात बिना झिझक के सामने रखते थे। उनके व्यक्तित्व के अनुरूप ही मूर्ति की स्थापना हुई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहां अर्पण स्कूल के मूक बधिर बच्चों को बैग का वितरण भी किया।
इस अवसर पर नगर निगम रायपुर महापौर एजाज़ ढेबर, नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे, अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने किया एतिहासिक कंकाली तालाब जीर्णोधार-सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण
रायपुर शहर के बीचों-बीच घनी आबादी से घिरा साढ़े छह सौ साल पुराना कंकाली तालाब अब अपने अलग ही सौंदर्य से शहरवासियों को आकर्षित करेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राज्य के एतिहासिक धरोहरों के संरक्षण-संवर्धन की नीति पर अमल करते हुए नगर निगम रायपुर में इस तालाब का जीर्णोधार और सौंदर्यीकरण का काम कराया है।
श्री बघेल ने आज भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान एक करोड़ 34 लाख रूपये की लागत से हुए तालाब सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया। कंकाली तालाब में साढ़े तीन सौ वर्ग मीटर धौलपुर लाल पत्थर से सौंदर्यीकरण किया गया है। फसाड लाईट और फ्लड लाईट में इन पत्थरों का सौंदर्य तालाब को नई पहचान दे रहा है। तालाब में 28 बड़े खंभो पर बिजली की जगमगाहट भी की गई है। घाट एवं पचरी मरम्मत कर रंगाई-पुताई का काम भी किया गया है। तालाब के चारो ओर लगभग साढ़े चार सौ मीटर स्टेनलेस स्टील की रेलिंग भी लगाई गई है।
माँ कंकाली मंदिर लगभग 650 वर्ष पुराना है। प्राचीन समय में जब तालाब की खुदाई की गई, उस समय नर कंकाल मिलने के कारण इसका नाम कंकाली मंदिर पड़ा। इस मंदिर की स्थापना मां कंकाली के आदेशानुसार महंत कृपाल गिरी जी ने की। यह मंदिर सन्यासियों के साधना का केन्द्र रहा है इस तालाब की मान्यता है कि यहां स्नान करने से चर्म रोग, खाज, खुजली सभी ठीक हो जाते है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर कंकाली मठ स्थित है, जो साल में एक दिन दशहरा पर खुलता है, वहीं पर नागा सन्यासी मां कंकाली की उपासना करते थे।