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World Sleep Day : वर्ल्ड स्लीप डे आज, स्वस्थ रहने के लिए हर दिन अच्छी नींद जरूरी, कम सोने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां...

Sharda Kachhi
17 March 2023 6:49 AM GMT
World Sleep Day
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नई दिल्ली : जीवन में नींद के महत्व को विज्ञान में काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। एक स्वस्थ शरीर के लिए नींद और सोना बेहद जरूरी है। सोना शरीर के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं होता। सोने के दौरान हमारा शरीर ही नहीं स्किन भी रिपेयरिंग का काम करती है। सोने से शरीर की …

World Sleep Dayनई दिल्ली : जीवन में नींद के महत्व को विज्ञान में काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। एक स्वस्थ शरीर के लिए नींद और सोना बेहद जरूरी है। सोना शरीर के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं होता। सोने के दौरान हमारा शरीर ही नहीं स्किन भी रिपेयरिंग का काम करती है। सोने से शरीर की मसल्स और स्किन के टिशू रिपेयर होते हैं। इतना ही नहीं सोने से वेट कम करने वाले हार्मोंस सक्रिय होते हैं। अगर आपको ठीक से नींद नहीं आती है तो इसका मतलब है कि आपको कुछ बीमारियों ने घेर रखा है। आज यानी 17 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे है। आइये जानते हैं कि कम सोने से हमारे शरीर को क्या क्या नुकसान होते हैं।

कम नींद लेने से हो सकती हैं ये बीमारियां-

नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) की रिपोर्ट के मुताबिक नींद की कमी से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. नींद न लेने से हार्ट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है और लंबे समय तक ऐसा करने से हार्ट डिजीज हो सकती हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि नींद की कमी का असर किडनी पर भी बुरी तरह पड़ता है. इससे किडनी की फंक्शनिंग प्रभावित होती है. किडनी को हेल्दी रखने के लिए हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.

हर दिन पर्याप्त नींद न लेने से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की समस्या हो सकती है. ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए नींद बेहद जरूरी मानी जाती है. हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट की आर्टरीज डैमेज होने का खतरा रहता है.

नींद की समस्या मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियां पैदा कर सकती है. मोटापा खुद कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है. अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं, जो नींद के साथ समझौता बिल्कुल न करें, वरना स्थिति गंभीर हो सकती है.

नींद और मेंटल हेल्थ का सीधा कनेक्शन होता है. नींद की कमी स्ट्रेस, एंजाइटी, डिप्रेशन समेत कई मेंटल इलनेस की वजह बन सकती है. इतना ही नहीं, इससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. कई न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है.

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