Begin typing your search above and press return to search.
NATIONAL

Holika Dahan 2023 : ग्रहों के महासंयोग के बीच होलिका दहन आज, अग्नि में अर्पित करें ये चीजें, जीवन के कष्ट होंगे दूर...

Sharda Kachhi
7 March 2023 2:35 AM GMT
Holika Dahan 2023
x

Holika Dahan 2023; रंगों का त्योहार होली पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. सभी जाति धर्म के लोग होली के दिन मिलते हैं. जिस प्रकार सभी रंग एक होते हैं, उसी प्रकार सभी के मन एक रंग में रंग जाते हैं. एक धारा में अपनी विचारधारा को बढ़ाते हैं. होलिका दहन के …

Holika Dahan 2023

Holika Dahan 2023; रंगों का त्योहार होली पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. सभी जाति धर्म के लोग होली के दिन मिलते हैं. जिस प्रकार सभी रंग एक होते हैं, उसी प्रकार सभी के मन एक रंग में रंग जाते हैं. एक धारा में अपनी विचारधारा को बढ़ाते हैं. होलिका दहन के दिन होलिका प्रज्वलित होने के बाद उसमें 11 उपलों की माला, पान, सुपारी, नारियल, अक्षत, चना इत्यादि, साथ ही भोग में मीठा अर्पित करना चाहिए. उसके बाद श्रीहरि विष्णु का नाम लेकर सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए.

क्या करें होलिका दहन के दिन

होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें. अग्नि में गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें. अग्नि की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं मन में बोलें. होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें. ज्योतिषियों की माने तो होलिका की अग्नि में सभी कष्ट भस्म हो जाते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि होलिका की राख घर में लाने से कर से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं.

READ MORE : Vastu Tips : मुफ्त में कभी ना लें और न दें ये चीजें, घर में आती है दरिद्रता! होने लगते हैं कलेश…

होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करें

1. अच्छे स्वास्थ्य के लिए काले तिल के दाने
2. बीमारी से मुक्ति के लिए हरी इलायची और कपूर
3. धन लाभ के लिए चंदन की लकड़ी
4. रोजगार के लिए पीली सरसों
5. विवाह और वैवाहिक समस्याओं के लिए हवन सामग्री
6. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए काली सरसों

कब होता है होलिका दहन

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. होलिका दहन से पहले साफ सुथरी जगह का चयन करना चाहिए. उसके बाद उस जगह को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए. उसके बीच में होलिका दंड गाड़ना चाहिए. उस पर सूखी घास, देसी गाय के गोबर के बने उपले, शुद्ध लकड़ियां इत्यादि एकत्रित करना चाहिए.

फिर होलिका की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और एक दीपक जलाना चाहिए. फिर शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना चाहिए.

होलिका दहन की सावधानियां

भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए उत्तम मानी जाती है. अगर ऐसा योग नहीं हो तो भद्रा समाप्त होने पर होलिका दहन करें. भद्रा मध्य रात तक हो तो भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन का विधान है.

होलिका दहन के दिन व्यक्ति को पवित्र मन से होलिका की पूजा करनी चाहिए. बिना मांस मदीरा का सेवन करें व्यक्ति को होलिका दहन करना चाहिए.

Next Story