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Chhattisgarh

"जज्बे को सलाम": कॉलेज में स्टडी के साथ ही फुटपाथ पर भेल की दुकान लगाकर बेरोजगारों के लिए मिसाल बनीं छत्तीसगढ़ की ये 2 बेटियां, जानिए इनकी पूरी दास्तां?

Rohit Banchhor
3 March 2023 5:50 AM GMT
जज्बे को सलाम: कॉलेज में स्टडी के साथ ही फुटपाथ पर भेल की दुकान लगाकर बेरोजगारों के लिए मिसाल बनीं छत्तीसगढ़ की ये 2 बेटियां, जानिए इनकी पूरी दास्तां?
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बिलासपुर: कहते हैं कि इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो कामयाबी भी उसके कदम चूमने लगती है। कुछ ऐसा ही प्रेरणादायक मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से सामने आया है, जहाँ दो छात्राओं की दास्ताँ इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के …

बिलासपुर: कहते हैं कि इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो कामयाबी भी उसके कदम चूमने लगती है। कुछ ऐसा ही प्रेरणादायक मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से सामने आया है, जहाँ दो छात्राओं की दास्ताँ इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक, ये दो छात्राएं फुटपाथ किनारे भेल की दुकान लगाकर बेरोजगारों के लिए मिसाल बन गई हैं। दोनों स्टूडेंट सहेलियां हैं और कॉलेज से समय निकालकर अपना स्टार्टअप शुरू किया है। इससे वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ रूम का किराया और छोटी जरूरतों को पूरा कर रही हैं।

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बिलासपुर के राजेंद्र नगर चौक स्थित बाल उद्यान में फुटपाथ पर छोटे से टेबल में भेल बनाने वाली दीपा पैकरा और कल्पना लकड़ा जशपुर जिले के फरसाबहार और कांसाबेल की रहने वाली हैं। दोनों यहां रोजगार करने के लिए नहीं। बल्कि, अपना भविष्य संवारने के लिए शहर आईं हैं।

दीपा गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीकॉम एलएलबी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं और उसकी सहेली कल्पना 12वीं कक्षा के बाद जेई मेंस की तैयारी कर रही हैं। दोनों यहां कुदुदंड में किराये पर रूम लेकर रहती हैं। पढ़ाई के बाद जो खाली समय मिलता है उसका यूटिलाइज करते हुए इन्होंने अपनी आय का तरीका खोज निकाला है।

दीपा और कल्पना बताती हैं कि उनके मन में शुरू से यह था कि अच्छे से पढ़ाई करना है। लेकिन, जशपुर में पढ़ाई का बेहतर माहौल नहीं है। इसलिए उन्होंने बिलासपुर में रहकर पढ़ाई करने का मन बनाया। शुरू से ही दोनों अपने पैरों पर खुद खड़ा होना चाहती थी। सहेलियों का कहना है कि उनके पैरेंट्स किसान हैं। लेकिन, इतनी भी आर्थिक तंगी नहीं है कि वो हमारे पढ़ाई का खर्च वहन न कर सके। बल्कि, उनके कहने पर ही दोनों पढ़ने के लिए यहां आई हैं।

उनका मानना है कि बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी ही जरूरी नहीं है। पढ़ाई के समय उनके लिए कुछ घंटों की नौकरी भी संभव नहीं है। ऐसे में उन्होंने जशपुरिहा भेल की दुकान लगाने की योजना बनाई। इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है और उनकी अच्छी कमाई भी होने लगी है।

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दीपा और कल्पना ने बताया कि पढ़ाई के साथ स्टार्टअप शुरू करने के लिए उन्हें एमबीए प्रफुल्ल बिल्लौरे चायवाला से मिली। उन्होंने सोशल मीडिया में देखा था कि एमबीए की पढ़ाई करने निकले 20 साल के प्रफुल्ल ने किस तरह से छोटी सी चाय की दुकान खोलकर आज पूरे देश में नाम कमाया और मशहूर हुआ है।

उन्हें देखकर दोनों ने अपनी छोटी सी जशपुरिहा भेल की दुकान शुरू करने की योजना बनाई। उनका मानना है कि देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को खुद अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहिए। तभी बेरोजगारी से निजात मिल सकता है।

जशपुरिहा भेल में है ये वैरायटी
टेबल में लगे इस छोटी सी दुकान में खाने पीने की कई वैरायटी है, जिसे इन स्टूडेंट ने जशपुरिहा भेल का नाम दिया है। यहां मुर्रे के साथ तीन प्रकार के स्प्राउट और चाय की अलग-अलग वैरायटी है, जिसे बेचकर दोनों लड़कियां अपनी पढ़ाई के साथ रूम किराया और छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करती हैं।

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