Begin typing your search above and press return to search.
Chhattisgarh

CG Breaking : आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला, पुराने आरक्षण के आधार पर तकनीकी शिक्षा विभाग दे दाखिला, हर हाल में पूरी हो बी- फार्मेसी और डी- फार्मेसी की काउंसलिंग प्रक्रिया...

Sharda Kachhi
20 Dec 2022 5:53 AM GMT
CG Breaking
x

बिलासपुर। आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। प्रदेश में आरक्षण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच हाई कोर्ट ने पुराने आरक्षण सिस्टम से ही बी फार्मेसी और डी- फार्मेसी की काउंसलिंग पूरी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डायरेक्टर तकनीकी शिक्षा को निर्देश जारी करते हुए कहा है, कि …

CG Breaking

बिलासपुर। आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। प्रदेश में आरक्षण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच हाई कोर्ट ने पुराने आरक्षण सिस्टम से ही बी फार्मेसी और डी- फार्मेसी की काउंसलिंग पूरी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डायरेक्टर तकनीकी शिक्षा को निर्देश जारी करते हुए कहा है, कि 31 दिसंबर के पहले हर हाल में बी- फार्मेसी और डी- फार्मेसी की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी की जाए।

बता दें, कि फार्मेसी कॉलेजों में प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक की डेडलाइन जारी की है। ऐसे में यदि इस तारीख के पहले काउंसलिंग नहीं हो पाई, तो सत्र ज़ीरो ईयर घोषित हो जाएगा, फिर अगले सत्र में ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। ऐसे में फार्मेसी के सैकड़ों विद्यार्थी परेशान थे, बी- फार्मेसी डी- फार्मेसी में एडमिशन के लिए पीपीएचटी परीक्षा के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से बीते 7 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया, कि जारी रिजल्ट के आधार पर काउंसलिंग होगी, और गाइडलाइन भी जारी की थी, लेकिन काउंसलिंग की तिथि नहीं बताई थी, काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी न होने पर परेशान विद्यार्थियों ने एडवोकेट के जरिए काउंसलिंग की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

READ MORE :Weather Report : सामान्य से दो डिग्री नीचे पंहुचा तापमान, मौसम विभाग ने जारी किया शीतलहर का अलर्ट, जानें क्या रहा आपके शहर का हाल…

मामले की सुनवाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई, सुनवाई के दौरान तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया, कि आरक्षण पर फैसला नहीं होने के कारण ही काउंसलिंग रूकी है, इधर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि काउंसलिंग नहीं होने से सैकड़ों छात्रों का पूरा साल खराब हो जाएगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, कि शासन स्तर पर यदि आरक्षण के नियमों में कोई पेंच फंसा है तो वर्तमान में जो आरक्षण सिस्टम लागू है, उसी हिसाब से काउंसलिंग की जाए, हाईकोर्ट के आदेश के बाद हजारों छात्रों ने राहत की सांस ली है।

Next Story