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Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष में में इन उपाय और सावधानियों के साथ करें पिंड दान, आपके पूर्वज हो जायेंगे खुश...

Sharda Kachhi
14 Sep 2022 2:46 AM GMT
Pitru Paksha 2022
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नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 यानी कल से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. …

Pitru Paksha 2022

नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 यानी कल से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. मान्यता है जो उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म करता है उसकी जीवन की समस्त समस्या खत्म हो जाती हैं. पितृ अर्थात हमारे पूर्वज, जो हमारे बीच में नहीं हैं, उनके प्रति सम्मान का समय होता है पितृपक्ष. हिंदू धर्म पुनर्जन्म की अवधारणा में विश्वास रखता है और इसलिए ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पितृ अर्थात हमारे पूर्वज जो अपनी देह त्याग चुके होते हैं, पृथ्वी लोक पर अपने सगे-संबंधी और परिवार के लोगों से अपनी मुक्ति और भोजन लेने के लिए मिलने आते हैं.

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पिंड दान कौन और कैसे करें

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार सबसे बड़ा पुत्र अपने पिता और अन्य पूर्वजों का श्राद्ध तथा तर्पण कर सकता है. पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म के रूप में पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोज आदि तीन मुख्य कार्य किए जाते हैं. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके आचमन करें एवं अपने जनेऊ को दाएँ कंधे पर रखकर गाय दूध, चावल, शक्कर, शहद और घी को मिलाकर पिंडों का निर्माण करें और इन्हें अत्यंत श्रद्धा भाव के साथ अपने पितृ देवों को अर्पित करें, यही पिंड दान करना कहलाता है. इसके बाद ब्राह्मण भोज करवाना चाहिए.

इन 16 दिनों के दौरान अगर कोई अनजान व्यक्ति आपसे मिलने आए तो उस व्यक्ति को बिना खाना खिलाए घर न भेजें. इस दौरान एक थाली में कौवा, गाय, कुत्ता और दूसरी थाली में पितरों के निमित्त भोजन रखें. पितृपक्ष में कभी भी अपने घर से किसी को पानी पिए बिना न जानें दें. यदि कोई पानी मांग रहा तो उसे पानी के साथ मीठा भी दें. पितृ पक्ष में बिलकुल सादा खाना खाएं, मांसाहार या तामसी चीजों का सेवन न करें. शराब और नशीली चीजों को बिलकुल हाथ न लगाएं, घर में कलह न होने दें.

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सावधानियां

पितृ पक्ष में दोनों वेला स्नान करके पितरों को याद करना चाहिए. कुतप वेला यानी सुबह 11:30 बजे से 12:30 के बीच का समय, इस समय में पितरों को तर्पण दें, इसी वेला में तर्पण का विशेष महत्व है. तर्पण में कुश और काले तिल का विशेष महत्व होता है. कुश और काले तिल के साथ तर्पण करना अद्भुत परिणाम देता है.

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