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हमास के राकेट हमले के बाद इसराइल का जवाबी हमला,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर....

TCP 24 News
7 Oct 2023 8:32 AM GMT
हमास के राकेट हमले के बाद इसराइल का जवाबी हमला,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर....
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हमास के राकेट हमले के बाद इसराइल का जवाबी हमला,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर''''

इसराइल: के इलाक़ों पर शनिवार को ग़ज़ा पट्टी से रॉकेट हमला किया गया. इसी दौरान इस्लामी विद्रोही गुट हमास से जुड़े दर्जनों लड़ाके दक्षिण की तरफ़ से इसराइल की सीमापार कर भीतर घुस आए हैं. वहीं इसराइल की सेना का कहना है कि उसने गज़ा पट्टी पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं और चेतावनी दी है कि हमास को इसकी बड़ी क़ीमत चुकानी होगी. इससे पहले इसराइल की तरफ़ कई रॉकेट छोड़े गए थे जिसके बार देश के कई हिस्सों में इमर्जेंसी सायरन की आवाज़ें सुनने को मिली थीं. मिल रही ख़बरों के अनुसार तेल अवीव के आसपास के इलाक़ों और ग़ज़ा के आसपास के इलाक़ों में धमाकों की आवाज़ें सुनाई दी हैं.

वहीं इन हमलों में अब तक इसराइल में एक व्यक्ति की मौत की ख़बर है. हमलों की ज़िम्म्मेदारी फ़लस्तीन से जुड़े विद्रोही समूह हमास ने ली है. हमास ने दावा किया है कि उसने 20 मिनट के भीतर इसराइल पर पांच हज़ार रॉकेट दागे हैं. रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी द्वारा जारी किए गए फुटेज में देखा जा सकता है कि अश्कलोन शहर में आग लग गई है जिस पर इसराइली अग्निशमन कर्मी काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. आग के कारण गाड़ियों में आग लग गई है और उनसे धुंए का गुबार उठ रहा है.

इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि रॉकेट हमलों के जवाब मे स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बजे सुरक्षा प्रमुखों की अहम बैठक होने वाली है. बैठक से पहले बिन्यामिन नेतन्याहू सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. गज़ा सिटी में मौजूद बीबीसी संवाददाता रुश्दी अबूअलूफ़ ने कहना है कि पूर्व, दक्षिण, उत्तर... सभी दिशाओं से वो इसराइल पर हमले देख रहे हैं. हमास टीवी का कहना है कि हमास प्रमुख के पांच हज़ार रॉकेट दागने के दावे के अलावा दो हज़ार और रॉकेट इसराइल पर दागे गए हैं. उनका कहना है कि क़रीब ढाई घंटों से यहां ताबड़तोड़ गोलाबारी चल रही है. इसराइली डिफेन्स फोर्सेस ने कहा- सेना युद्ध की स्थिति में हमास की तरफ से हुए हमले के जवाब में इसराइली डिफेन्स फोर्सेस ने कहा है कि "इसराइली सेना युद्ध की स्थिति में आ गई है."





इसराइली रक्षा मंत्री ने सेना के रिज़र्विंस्ट को बुलाने के के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है. इसराइली सेना ने गज़ा पट्टी पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं और चेतावनी दी है कि हमास को इसकी बड़ी क़ीमत चुकानी होगी. रक्षा मंत्री ने कहा है कि इसराइल के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़कर हमास से बड़ी ग़लती कर दी है. उन्होंने कहा, "हमास ने शनिवार सवेरे को बड़ी ग़लती कर दी है, उसने इसराइल के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ दिया है."

"इसराइली सैनिक हर जगह पर दुश्मन से लड़ रहे हैं और इस युद्ध में इसराइल की जीत होगी. हमास के प्रमुख मोहम्मद दाइफ़ ने इन हमलों के बाद एक बयान जारी कर कहा है, "हमने ये ऐलान करना तय किया है कि अब बहुत हो चुका."

हमास ने इस ऑपरेशन को "अल अक़्सा स्टॉर्म" नाम दिया है और कहा है कि इस अभियान के तहत उसने शनिवार सवेरे क़रीब पांच हज़ार रॉकेट इसराइल को निशाना बनाते हुए दागे हैं. दाइफ़ ने कहा, "हम दुश्मन को पहले ही चेतावनी दे चुके हैं. इसराइली क़ब्ज़ाधारियों ने हमारे नागरिकों के ख़िलाफ़ सैकड़ों नरसंहार किए हैं. क़ब्ज़ाधारियों की वजह से इस साल सैकड़ों लोग शहीद हुए हैं और घायल हुए हैं."

"हम ऑपरेशन अल अक़्सा स्टॉर्म की शुरुआत की घोषणा करते हैं. हम ये घोषणा करते हैं कि दुश्मन के ठिकानों, एयरपोर्टों, सैन्य अड्डों पर किए गए हमारे पहले हमले में पांच हज़ार से अधिक रॉकेट दागे गए हैं." इसराइल पर हमास के हमले के बाद अमेरिकी दूतावास की तरफ़ से कहा गया है, "हमें पता है कि इन घटनाओं की वजह से लोग हताहत हुए हैं."

दूतावास की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है, "अमेरिकी नागरिकों को अपनी सुरक्षा बढ़ाने और सुरक्षा के प्रति सचेत होने की सलाह दी जाती है. ऐसी सुरक्षा संबंधी घटनाएं, जिनमें मोर्टार और रॉकेट भी दागे जाते हैं, आमतौर पर बिना चेतावनी के होती हैं."

इसराइल में अमेरिकी दूतावास की तरफ़ से कहा गया है कि उसके कर्मचारी फिलहाल दूतावास में ‘सुरक्षित’ हैं.

साथ ही दर्जनों लड़ाके इसराइल की सीमा पार कर "अलग-अलग हिस्सों" से देश के भीतर घुस गए हैं.

बयान में कहा गया है कि चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ "स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं" और हमास को "इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा और इस घटना की ज़िम्मेदारी लेनी होगी." बयान में कहा गया है कि गज़ा पट्टी के आसपास के इलाक़ों में रहने वालों से घरों के भीतर ही रहने को कहा गया है. साथ ही दक्षिणी और केंद्रीय हिस्से में बाशिंदों से कहा गया है कि "वो शेल्टरों के आसपास ही रहें."

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जारी बयान में आईडीएफ़ ने कहा है, "शनिवार और तोरा की छुट्टी के दिन समूचे इसराइल में लोग सायरनों की आवाज़ सुनते हुए जागे हैं और हमास आज सुबह से ग़ज़ा से रॉकेट दाग रहा है." आईडीएफ़ ने कहा है, "हम अपनी रक्षा करेंगे."

क्या बोले में भारत में इसराइल के राजदूत ग़ज़ा पट्टी की तरफ़ से इसराइल पर शनिवार सुबह बड़े हमले के बाद भारत में इसराइल के राजदूत ने प्रतिक्रिया दी है.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इसराइली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, "यहूदी छुट्टी के दिन ग़ज़ा की तरफ़ से इसराइल पर साझा हमला किया गया है. ये दोहरा हमला रॉकेटों से हुआ है और हमास के आतंकवादी घुस आये हैं."

उन्होंने कहा, "हालात साधारण नहीं है लेकिन इसराइल विजेता होगा." इसराइल के शहर गेदेरा में रॉकेट गिरने के कारण लगी आग इसराइल और फ़लस्तीन के बीच क्यों है तनाव? प्रथम विश्व युद्ध के बाद मध्य पूर्व में ऑटोमन साम्राज्य के ख़त्म होने के बाद इस इलाक़े पर ब्रितानियों का कब्ज़ा हुआ.

यहां अधिकतर यहूदी और अरब समुदाय के लोग रहते थे. दोनों में तनाव बढ़ा जिसके बाद ब्रितानी शासकों ने यहां यहूदियों के लिए फ़लस्तीन में 'अलग ज़मीन' बनाने की बात की. यहूदी इस इलाक़े को अपने पूर्वजों की ज़मीन मानते हैं. इस पर अरब समुदाय भी अपना दावा करता है. नतीजा ये हुआ कि दोनों के बीच तनाव बढ़ने लगा.

1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फ़लस्तीन को दो हिस्सों में बांटने के फ़ैसले पर मुहर लगी, एक हिस्सा यहूदियों का और दूसरी अरब समुदायों का. अरब के विरोध के बीच 14 मई 1948 को यहूदी नेताओं ने इसराइल राष्ट्र के गठन का एलान किया और ब्रितानी यहां से चले गए. इसके तुरंत बाद पहला इसराइल-अरब युद्ध हुआ, इस कारण यहां क़रीब साढ़े सात लाख फ़लस्तीनी बेघर हो गए. इस युद्ध के बाद ये पूरा क्षेत्र तीन हिस्सों में बंट गया- इसराइल, वेस्ट बैंक (जॉर्डन नदी का पश्चिमी किनारा) और ग़ज़ा पट्टी. फ़लस्तीनी आबादी ग़ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में रहती है. क़रीब 25 मील लंबी और 6 मील चौड़ी गज़ा पट्टी 22 लाख लोगों की रिहाइश की जगह है. आबादी के लिहाज़ से ये दुनिया की सबसे अधिक घनत्व वाला इलाक़ा है.

इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच संघर्ष अब तक हो रहा है. इसराइल का मक़सद दुनिया के मंच पर यहूदी राष्ट्र के रूप में मान्यता पाने का है. वहीं फ़लस्तीन इसका विरोध करता रहा है.

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