प्रभु कृपालु हैं, उनके बताए मार्ग पर ही चलें : गोस्वामी 108 श्री प्रीतिराजा
प्रभु कृपालु हैं, उनके बताए मार्ग पर ही चलें : गोस्वामी 108 श्री प्रीतिराजा
रायपुर : सदर बजार स्थित गोपाल मंदिर में आयोजित श्री कृष्ण भक्तिवर्धन महोत्सव में वडोदरा गुजरात से आई प्रवचनकार गोस्वामी 108 श्री प्रीतिराजा ने व्यक्त किए।
श्री गोपाल मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह प्रवचनमाला तीन दिवसीय है।आज आपने अपने ज्ञान सभर प्रवचन में बताया कि इस जगत की उत्पत्ति भगवान ने की और अपनी तीन शक्तियों राजस तामस और सात्विक यानी ब्रम्हा विष्णु महेश को सृष्ठि का स्मपूर्ण संचालन करने का दायित्व सौप दिया। लेकिन अपने आनंद स्वरूप का जिसे वेदों ने आनंद स्वरूप कहा है वह रसो वैसह रसात्मा है। सब यह कहते हैं कि परमात्मा आनंद स्वरूप है पर उस आनंद का रसास्वादन आप स्वयं करना चाहते थे इसलिए आपने निजानंद के लिए अपने श्री अंग से ही एक सृष्टि उत्पन्न की।क्योंकि उस रस का आनंद वो अकेले कैसे करेंगे अतः आपने अपने वाम भाग दाए अंग से राधा तत्व को जो कृष्ण आरएस प्रेम कि धारा है उत्पन्न किया। यह प्रभु की संयोग रसात्मिका शक्ति है विरहात्मक रसातमिका शक्ति श्री यमुना जी को प्रगट किया। तो ये कृष्ण का त्रित्यात्मक स्वरूप श्री नाथ जी है।
उन्होंने आगे कहा कि तू प्रभु की तरफ जाने का ही सोच। वो प्रभु कृपालु है ।पुष्टि पुरषोत्तम जब कृपा धर्म में विराजते है तो कृपा करके आपके विघ्न निकाल देते है।एकबार तू प्रभु के पास आकर देख संसार अपने आप छूटेगा।