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आंखों में रोशनी कम, पर इसे नही बनने दिया बाधा, कुशलता से मोबाइल चलाते है दृष्टिबाधित अजय...पढ़ें दिलचस्प स्टोरी...

Bhishma singh parihar
15 Feb 2024 3:54 PM GMT
आंखों में रोशनी कम, पर इसे नही बनने दिया बाधा, कुशलता से मोबाइल चलाते है दृष्टिबाधित अजय...पढ़ें दिलचस्प स्टोरी...
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रायपुर : तकनीक के इस्तेमाल से हमारा जीवन सरल होता जा रहा है और इसका सही उपयोग कर हम अपने दैनिक जीवन की बाधाओं को दूर कर सकते है और अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं । इस बात के उदाहरण है रायपुर के ग्राम बनरसी के रहने वाले अजय ओंगरे। आंशिक रूप से नेत्रहीन अजय ने जब कलेक्टर डॉ गौरव सिंह से पढ़ाई के लिए मोबाइल दिलाने का आग्रह किया तो कलेक्टर ने उन्हे और दूसरे ही दिन मोबाईल फोन उपलब्ध करा दिया।

अजय की आंखों में केवल बीस प्रतिशत विजिबिलिटी है पर इस कमी को उसने अपनी पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनने दिया है। आज वह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा हैं और तकनीक के इस्तेमाल से वह अपने दैनिक जीवन की बाधाओं को पार कर अपना भविष्य उज्ज्वल करने ने लगा हुआ है। मोबाइल में उपलब्ध तकनीकों के इस्तेमाल से उसने अपनी शिक्षा को सरल बनाया है। मोबाईल के सकारात्मक उपयोग से कॉलेज की पढ़ाई अजय को सहायता मिली पर समय के साथ मोबाईल पुराना हो जाने से, मोबाईल के हैंग होने, कैमरे से साफ फोटो नहीं आने जैसी समस्याएं आने लगी थी। उसे एहसास हुआ की अब पढ़ाई के लिए उसे तेज प्रोसेसर और रैम के मोबाइल को आवश्यकता पड़ेगी। पर घर के आर्थिक हालत अच्छे नहीं होने के कारण वह बाजार मे उपलब्ध दृष्टिबाधितों के लिए मोबाईल फोन नही ले सकता है। इसलिए उन्होंने कलेक्टर से मदद का आग्रह किया, कलेक्टर ने संवेदनशीलता पूर्वक अजय की बातों को सुना और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को विभागीय योजना एडीआईपी के तहत मोबाईल दिलाने निर्देश दिया। इसकेे अनुपालन में दूसरे ही दिन अजय को उसके अनुकूल मोबाइल फोन मिल गया।

तकनीक के इस युग में अजय ने अपनी शिक्षा को आसान बनाने के लिए ने मोबाइल के सहायता से अपनी पढ़ाई कर रहा है। अजय कहता है कि पहले गणित की पढ़ाई में दिक्कत होती थी पर इस तेज प्रोसेसर वाले मोबाईल फोन के मिलने से वह यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियोज़ के माध्यम से अपने डाउट क्लियर कर पाएगा। मोबाइल मे उपलब्ध सॉफ्टवेयर से वॉयस कमांड देकर वह अपने पढ़ाई की सामग्री ढूंढ सकता है साथ ही ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेगा। अजय बताते हैं की कैमरे लेंस के माध्यम से वह पुस्तकों के टेक्स्ट को स्पीच के फॉर्म में कन्वर्ट करता है और इन औडियो फाइल्स को दोबारा सुनकर अपनी पढ़ाई करता है। साथ ही फोटो और स्क्रीनशॉट के माध्यम से टेक्स्ट को बड़ा करके वह आसानी से उनको पढ़ सकता है, पीडीएफ फाइल को टेक्स्ट रीडर के माध्यम से सुनकर वह अपनी पढ़ाई कर सकेगा।

अपने अनुकूल मोबाईल मिल जाने पर अजय को बहुत खुशी है वह कहता है कि इससे आगे की पढ़ाई में आसानी होगी। साथ ही भविष्य मे प्रतियोगी परीक्षाओं और जॉब की तैयारी के लिए भी भी सहूलियत मिलेगी। इसके लिए उसने कलेक्टर को थैंक्स किया।

Bhishma singh parihar

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