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दिल्ली-एनसीआर की हवा ‘बेहद खराब’, AQI बढ़ने से लोगों को दिक्कतें शुरू, पढ़े पूरी खबर

TCP 24 News
23 Oct 2023 2:53 AM GMT
दिल्ली-एनसीआर की हवा  ‘बेहद खराब’, AQI बढ़ने से लोगों को दिक्कतें शुरू, पढ़े पूरी खबर
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दिल्ली-एनसीआर की हवा रविवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा/ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार हो गया. वहीं, गाजियाबाद और गुरुग्राम की हवा भी खराब श्रेणी में है. इससे हवा में घुटन बढ़ गई.

नईदिल्ली: दिल्ली-एनसीआर की हवा रविवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा/ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार हो गया. वहीं, गाजियाबाद और गुरुग्राम की हवा भी खराब श्रेणी में है. इससे हवा में घुटन बढ़ गई.

एक्यूआई 24 घंटे में 65 अंक बढ़ा : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 313 रहा. इस स्तर की हवा बेहद खराब श्रेणी में मानी जाती है. इससे पहले शनिवार को यह 248 अंक पर था. यानी 24 घंटे के भीतर ही इसमें 65 अंकों की बढ़ोतरी हुई है

आंखों में जलन की शिकायत : प्रदूषित हवा के चलते लोगों को नाक और गले में खराश के साथ आंख में जलन का भी सामना करना पड़ रहा है. सीपीसीबी के मुताबिक, रविवार शाम चार बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 137 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा.

मई के बाद 300 पार एक्यूआई : इस बार गर्मी और मॉनसून के सीजन में दिल्ली की हवा खासी साफ-सुथरी रही. मई माह में बेहद खराब श्रेणी की हवा वाला एक दिन रहा था. 17 मई को वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 अंक पर था. इसके बाद से यह पहला मौका है जब एक्यूआई 300 के पार गया है. तापमान में गिरावट के साथ ही प्रदूषक कण हवा में ज्यादा देर तक ठहरे रहते हैं. इस कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है.

दो दिन राहत के आसार नहीं दिल्ली के लोगों को अभी खराब हवा से राहत मिलने के आसार नहीं हैं. वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले दो दिनों के बीच भी मौसम के कारक लगभग ऐसे ही बने रहेंगे. इसके चलते प्रदूषण का स्तर भी बेहद खराब श्रेणी में बना रहेगा.

ग्रैप का दूसरा चरण पहले ही लागू प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के अनुमान को देखते हुए शनिवार को ही ग्रैप पाबंदियों का दूसरा चरण लागू कर दिया गया ताकि हवा को और खराब होने से रोका जा सके. वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार होने पर ये बंदिशें लागू की जाती हैं.

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