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Raipur News : 15 साल पुरानी गाड़ी बेचने के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, परिवहन मंत्री ने स्क्रैपिंग सेंटर का किया उद्घाटन...
रायपुर। Raipur News छत्तीसगढ़ में अब 15 साल पुरानी गाड़ी को बेचने के लिए अब आपको भटकना नहीं पड़ेगा। इसे आप स्क्रैप सेंटर पर दे सकेंगे। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज गुरुवार को रायपुर जिले के अंतर्गत ग्राम धनेली में स्क्रैपिंग सेंटर का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि शासकीय विभाग के 15 वर्ष से पुरानी सभी गाड़ियो को भी आवश्यक रूप से स्क्रैप करने का निर्णय लिया जा चुका है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में यह पहला स्क्रैपिंग सेंटर खोला गया है। इस दौरान परिवहन मंत्री अकबर ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ को मध्य भारत के लिए वाहन स्क्रैपिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, स्क्रैपिंग की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए इस सेंटर को पूरी तरह डिजिटलीकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत पंजीकृत व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर (आरवीएसएफ) को उच्च प्राथमिकता वाले उद्योगों की श्रेणी में रखने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। राज्य में स्थापित होने वाले आरवीएसएफ भी उच्च प्राथमिकता वाले उद्योग के लिए निर्धारित छूट का लाभ ले सकते हैं। इस सेंटर का संचालन मेटल कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा किया जाएगा। परिवहन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर से गाड़ी को स्क्रैप कराने के बाद नये गाड़ी ख़रीदने के लिए टैक्स में 25 प्रतिशत छूट का लाभ दिया जाएगा। छूट के लिए पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर के द्वारा ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिससे सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपोजिट कहा जाएगा। सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपोजिट ऑनलाइन जारी किया जाएगा, जो परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होगा और संपूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी ऑटोमोबाइल डीलरशिप में मान्य होगा। इसके अतिरिक्त मासिक या त्रैमासिक कर देने वाली ऐसी गाड़िया जिनका टैक्स बकाया है और स्क्रैपिंग कराना चाहते है, उन्हें भी गाड़ी में बकाया पिछले एक साल के टैक्स, पैनल्टी और ब्याज में छूट दी जाएगी।
स्क्रैपिंग का प्रॉसेस क्या है?
जब कोई वाहन स्क्रैप सेंटर में पहुंच जाता है, तो उसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया जाता है। अलग-अलग चरणों की बात करें तो स्टेशन पर टायर और इंजन किट हटा दिए जाते हैं। अगले चरण में बैटरियों और फ्री-ऑन गैस किटों को नष्ट कर दिया जाता है। उसके बाद वाहन की सीटें, स्टीयरिंग, इंजन और रेडिएटर हटा दिए जाते हैं, जिससे धातु से बना एक खोखला ढांचा रह जाता है।
इस संबंध में परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि पुराने वाहनों के संचालन में ईंधन व रखरखाव पर ज्यादा लागत आती है। ऐसे पुराने वाहनों के सड़क से हटने पर वायु प्रदूषण में कमी आएगी। प्रदेश में विभाग द्वारा इसे लागू करने की तैयारी कर ली गई है। 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को अक्टूबर से अनिवार्य रूप से स्क्रैप कराना होगा। समस्त श्रेणी के भारी वाहनों को हर दो साल में स्वचालित परीक्षण केंद्र से ही फिटनेस टेस्ट कराना होगा। यदि कोई वाहन स्वचालित फिटनेस परीक्षण में विफल रहता है, तो इसे एंड-आफ-लाइफ वाहन घोषित किया जाएगा। ऐसे वाहनों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत सुविधा केंद्र के माध्यम से स्क्रैप कराना होगा।