Begin typing your search above and press return to search.
Article

Vastu Tips For Home : वास्तु अनुसार इस दिशा में होना चाहिए घर का मुख्य द्वार, मकान बनवाते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है धन की कमी...

rohit banchhor
20 Dec 2023 2:45 AM GMT
Vastu Tips For Home : वास्तु अनुसार इस दिशा में होना चाहिए घर का मुख्य द्वार, मकान बनवाते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है धन की कमी...
x
Vastu Tips For Home : वास्तु अनुसार इस दिशा में होना चाहिए घर का मुख्य दरवाजा, मकान बनवाते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है धन की कमी...


Vastu Tips : घर का सपना हर किसी का होता है। घर में हमें आराम, सुख और शान्ति प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि अगर घर का वास्तु सही है तो घर में रहने वालों सभी सदस्यों की तरक्की होती है। वहीं घर में वास्तु दोष होने पर जीवन में तमाम तरह की परेशानियां और बाधाएं आने लगती है। आइए जानते हैं घर का वास्तु कैसा होना चाहिए।


वास्तु अनुसार घर का मुख्य दरवाजा - पूर्व या उत्तर दिशा

सूर्योदय की दिशा होने की वजह से इस तरफ से सकारात्मक व ऊर्जा से भरी किरणें हमारे घर में प्रवेश करती हैं। घर के मालिक की लंबी उम्र और संतान सुख के लिए घर के मुख्य दरवाजे और खिड़की सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में होना शुभ माना जाता है।


वास्तु अनुसार घर का पूजाघर- उत्तर-पूर्व

घर में पूजा का स्थान सबसे अहम होता है। वास्तु के अनुसार देवी-देवताओं के लिए उत्तर-पूर्व की दिशा अच्छी मानी जाती है। इस दिशा में पूजाघर स्थापित करें। पूजाघर से सटा हुआ या ऊपर या नीचे की मंजिल पर शौचालय या रसोईघर नहीं होना चाहिए। ‘ईशान दिशा’के नाम से जानी जाने वाली यह दिशा ‘जल’ की दिशा होती है। इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल आदि होना चाहिए। घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है।


वास्तु अनुसार घर की रसोई- दक्षिण-पूर्वी

रसोईघर के लिए सबसे शुभ स्थान आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्वी दिशा है। इस दिशा में रसोईघर का स्थान होने से परिवार के सदस्यों सेहत अच्छी रहती है। यह ‘अग्नि’ की दिशा है इसलिए इसे आग्नेय दिशा भी कहते हैं। इस दिशा में गैस, बॉयलर, इन्वर्टर आदि होना चाहिए। इस दिशा में खुलापन अर्थात खिड़की, दरवाजे बिल्कुल ही नहीं होना चाहिए। इससे अलावा उत्तर-पश्चिम दिशा में भी रसोई घर का निर्माण सही है।


वास्तु अनुसार शयनकक्ष की दिशा

शयनकक्ष के लिए मकान की दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) में होना चाहिए। शयनकक्ष में बेड के सामने आईना और दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं। बिस्तर पर सोते समय पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है।

Next Story