किसानो ने किया चक्का जाम,नावापारा में 205 किसानो ने दी चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी....

किसानो ने किया चक्का जाम,नावापारा में 205 किसानो ने दी चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी....

Update: 2023-10-06 07:22 GMT

छत्तीसगढ़ : नवापारा नगर के लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। नगर के 205 परिवार के सदस्य अपनी भू-स्वामी हक, पट्टा नहीं मिलने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। नगर में कुछ दिनों पहले नवापारा के 400 से अधिक परिवारों को पट्टा वितरण किया गया। वहीं 50 वर्षों से रह रहे वार्ड क्रमांक 16 एवं 17 के अनेक परिवारों को भू-स्वामी हक, पट्टा नहीं दिया गया जिससे वे नाराज हैं। इधर, धमतरी के नगरी क्षेत्र के 110 गांव के किसानों ने राजस्व परिवर्तित ग्रामों को भू-स्वामित्व का अधिकार देने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर केरेगांव में चक्काजाम कर दिया।

आक्रोशित लोगों का कहना है कि वे विधायक, पालिका अध्यक्ष सहित सभी जनप्रतिनिधयों को पूर्व में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्याएं दूर नहीं हुई हैं। वार्डवासियों ने तहसीलदार गोबरा नवापारा के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा है। मांग पूरी नहीं होने पर विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

पीएससी के नतीजों में गड़बड़ी: सरकार ने जताई आपत्ति, हाई कोर्ट ने कहा-मीडिया ट्रायल बंद होगा, अब 16 को होगी सुनवाई इधर, धमतरी के नगरी क्षेत्र के 110 गांव के किसानों ने राजस्व परिवर्तित ग्रामों को भू-स्वामित्व का अधिकार देने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर केरेगांव में चक्काजाम कर दिया और अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी। किसानों के प्रदर्शन से धमतरी-सिहावा मार्ग में आवाजही घंटो तक बंद रहा। सामुदायिक वन संसाधन संघर्ष समिति का कहना है कि इलाके के 110 राजस्व परिवर्तित ग्रामों को पूर्ण रूप से भू स्वामित्व का अधिकार नहीं मिला है, जिससे किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने बताया कि कई साल से भू-स्वामित्व का अधिकार देने की मांग शासन प्रशासन से कर रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहित ग्राम पालवाड़ी के किसानों को जल्द मुआवजा देने की मांग की गई है। वहीं विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य में धान बेचने वाले कई किसानों को अंतर की राशि नहीं मिली है। किसानों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है। बहरहाल, प्रशासन द्वारा किसानों की मांग का जल्द निराकरण का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया।

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