Lighting Vastu Tips : घर में लाइटिंग करवाते समय जरूर रखे इन बातों का ध्यान, इस दिशा में भूलकर भी न लगाएं लाइट लगता है वास्तु दोष, जानें क्या है सही नियम
Lighting Vastu Tips : सुंदर लाइटें घर को और भी आकर्षक बना दती हैं. लाइटें घर को रोशनी देने के साथ ही पॉजिटिव एनर्जी देने का भी काम करती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि घर के भीतर लगी यही लाइटें वास्तु दोष का कराण भी बन सकती हैं. लाइट लगाने का …
Lighting Vastu Tips : सुंदर लाइटें घर को और भी आकर्षक बना दती हैं. लाइटें घर को रोशनी देने के साथ ही पॉजिटिव एनर्जी देने का भी काम करती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि घर के भीतर लगी यही लाइटें वास्तु दोष का कराण भी बन सकती हैं. लाइट लगाने का क्या है सही नियम जानें यहां.
बेडरूम में कैसी हो लाइटिंग
बेडरूम में बेड के सामने वाली दीवार पर लाइट लगाएं, यह काफी शुभ माना जाता है. यह पति-पत्नी की अच्छी बॉन्डिंग के लिए काफी बढ़िया है.कमरे के दक्षिण दिशा में लाइट न लगवाएं यह शुभ नहीं है इससे नेगेटिव एनर्जी आती है.
किचन की लाइट पर दें ध्यान
रसोई में अगर पू्र्व दिशा में लाइट लगाई जाए तो अन्न और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है.वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि शाम के समय किचन में हमेशा लाइट लानी चाहिए इससे सुख समृद्धि के साथ ही पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है.
कम या ज्यादा रोशनी का असर
वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर के भीतर रोशनी न तो बहुत कम और न ही बहुत ज्यादा होनी चाहिए. रोशनी कम होना आपकी तरक्की को रोक सकता है. इससे कामकाज में भी विघ्न पड़ सकता है.साथ में आंखें भी खराब होने लगती हैं. लाइट अगर सही न हो तो वास्तु दोष लग जाता है और नेगेटिविटी बढ़ने लगती है.
इस दिशा में न लगाएं लाइट
घर के ड्रॉइंग रूम में कभी भी लाइटें पश्चिम दिशा में नहीं लगवानी चाहिए.वास्तु शास्त्र के मुताबिक मेन हॉल में उत्तर दिशा में लाइट लगाना शुभ रहेगा.इससे घर में शांति रहती है.पश्चिम दिशा को छोड़कर किसी भी दिशा में लाइट लगवाई जा सकती है.
रंगीन लाइटों के लिए ये दिशा सही
घर में लाइटें अपनी मर्जी से नहीं लगवाना चाहिए. रंगीन लाइटें अगर लगवाना चाहते हैं तो इनको सिर्फ मंदिर में ही लगवाएं. घर के अन्य हिस्सों में कलरफुल लाइटें लगाने से जीवन में परेशानियां पैदा हो सकती हैं. घर में शांति बनाए रखने के लिए सिर्फ सफेद लाइटों का ही उपयोग करें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)