- Home
- /
- Chhattisgarh
- /
- CG NEWS : मुख्यमंत्री...
CG NEWS : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को दी रक्षाबंधन की बधाई, बोले – अपनी बहनों के साथ सभी महिलाओं के प्रति …
CG NEWS रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की बधाई दी है और सभी की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना भी की है। सीएम ने सोशल मीडिया के जरिये लिखा – भाई-बहन के स्नेह और विश्वास एवं मंगलकामनाओं के पर्व रक्षाबंधन की आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं। …
CG NEWS रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की बधाई दी है और सभी की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना भी की है। सीएम ने सोशल मीडिया के जरिये लिखा –
भाई-बहन के स्नेह और विश्वास एवं मंगलकामनाओं के पर्व रक्षाबंधन की आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं।
सभी की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूँ।
रक्षाबंधन का त्यौहार अपनी बहनों के साथ सभी महिलाओं के प्रति सम्मान, सुरक्षा और अस्मिता के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध करता है। भाई-बहन के… pic.twitter.com/wenIhBY14i
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 30, 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि रक्षाबंधन पर्व पर इस बार स्व-सहायता समूहों की बहनों द्वारा गोबर तथा अन्य स्थानीय उत्पादों से तैयार की गई राखियों का ही उपयोग करें। ताकि जब कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे, तो दूर गांव की एक और बहन के चेहरे पर मुस्कान खिल उठे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मैं आपसे वादा लेना चाहता हूं कि इस बार राखी के त्यौहार में छत्तीसगढ़ में ही बनी राखियों का जरूर इस्तेमाल करें। राखी के त्यौहार को खास बनाने के लिए गांव-गांव में हमारी बहनों ने खास तरह की राखियां तैयार की हैं। गोबर को हमारे यहां पवित्र माना जाता है। इसे गो-वर कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है मां लक्ष्मी का वरदान। स्व-सहायता समूह की बहनों ने इसी गोबर से राखियां तैयार की हैं। इसके साथ-साथ धान की, तरह-तरह के बीजों की, और अन्य स्थानीय उत्पादों की राखियां हमारी बहनों ने तैयार की हैं। ये राखियां बाजार में भी बेची जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे तीज-त्यौहारों में सबसे सुंदर त्यौहार राखी का त्यौहार है, क्योंकि यह भाई और बहन की भावनाओं का त्यौहार है। यह भरोसे का त्यौहार है। राखी केवल एक धागा नहीं होता, बल्कि यह प्रेम का अटूट बंधन होता है। हमारा समाज भी भरोसे के बंधन से ही बंधा हुआ है। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर, एक दूसरे पर भरोसा करके और एक-दूसरे की मदद करके ही हम आगे बढ़ पाते हैं। छत्तीसगढ़ में बनी राखियों का इस पावन पर्व पर उपयोग करने से स्व-सहायता समूह की बहनों को बड़ा संबल मिलेगा।