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CM भूपेश बघेल की प्रदेशवासियों को सौगात : रायपुर में खुलेगा राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी, बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना होगी शुरू, निखरेगी पहलवानों की प्रतिभा, देखें VIDEO

Sharda Kachhi
22 Aug 2023 6:48 AM GMT
Bhet-Mulakat
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BHET MULAKAT CM भूपेश बघेल की प्रदेशवासियों को सौगात : छत्तीसगढ़ राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पहलवानों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना आरंभ की जाएगी। इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी खुलेगी जिसके माध्यम से इस क्षेत्र की प्रतिभाओं …

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CM भूपेश बघेल की प्रदेशवासियों को सौगात : छत्तीसगढ़ राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पहलवानों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना आरंभ की जाएगी। इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी खुलेगी जिसके माध्यम से इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को तैयार किया जाएगा। राज्य में कुश्ती को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये दो बड़ी घोषणाएं नागपंचमी पर्व के अवसर पर की।

सीएम को याद आया बचपन
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब यहां आया तो मुझे अपने बचपन की याद आ गई. जब हम लोग प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे तब नाग पंचमी के दिन स्कूल में स्लेट में नाग नागिन की तस्वीर बनाकर ले जाते थे. धूप, अगरबत्ती, गुलाल ले जाते थे और स्कूल में उसकी पूजा करते थे. गांव-गांव में अखाड़ा और मलखंब होते थे. सब जगह इसका आयोजन होता था. हमारे समय में स्कूल में एक गीत हुआ करता था ‘सूरज के आते भोर हुआ’. सीएम ने सभी को नाग पंचमी की बधाई बधाई दी.

रायपुर में अखाड़े का 100 साल का इतिहास- सीएम
सीएम ने कहा कि रायपुर में कम से कम 100-100 साल का इतिहास अखाड़े का है. वैसे अखाड़े की शुरुआत गोस्वामी तुलसीदास जी ने बनारस में की थी. 500-600 साल पहले जिस चीज की शुरुआत हुई थी आज भी वह चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कोई अखाड़ा नहीं है जहां बजरंगबली की तस्वीर ना हो और उसकी पूजा किए बिना कोई अखाड़े में उतरा हो. ऐसी परंपरा हमारे यहां है. आज जो कुश्ती हुई खूब मजा आया सभी लड़के-लड़कियों को मैं बधाई शुभकामनाएं देता हूं.

इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी भी शुरू की जाएगी । इस आकदमी के माध्यम से कुश्ती की प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास करेगी। भारत में तथा छत्तीसगढ़ में भी कुश्ती की बड़ी समृद्ध परंपरा रही है।

धोबी पछाड़, धाक, झोली जैसे दांवपेच अखाड़ों से निकलकर हमारी जुबान में भी पहुंच गए हैं। इससे पता चलता है कि कुश्ती का खेल हमारी परंपरा का कितना गहरा हिस्सा रहा है इस परंपरा को पुनः सहेजने के लिए ये दो बड़ी घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। खास बात यह है कि यह घोषणा नाग पंचमी के मौके पर हुई है नाग पंचमी का त्यौहार कुश्ती के दंगलों के लिए जाना जाता है। लोग उत्साह से त्योहार के दौरान अखाड़े में जुटते हैं। बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना आरंभ होने से अगली नाग पंचमी में बहुत सारे अखाड़ों में पहलवानों की और दर्शकों की धूम दिखेगी और अगली बार छत्तीसगढ़ के लोग नाग पंचमी और ज्यादा उत्साह से मना सकेंगे।

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