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Accident

DRDO : ट्रायल उड़ान के दौरान डीआरडीओ का तापस ड्रोन हुआ क्रैश, दुर्घटना की जांच के आदेश जारी, देखें VIDEO

Sharda Kachhi
21 Aug 2023 8:08 AM GMT
DRDO : ट्रायल उड़ान के दौरान डीआरडीओ का तापस ड्रोन हुआ क्रैश, दुर्घटना की जांच के आदेश जारी, देखें VIDEO
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DRDO : ट्रायल उड़ान के दौरान डीआरडीओ का तापस ड्रोन क्रैश हो गया है। बता दें कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के अनमैन्ड एरियल व्हीकल यानी कि यूएवी एक ट्रायल उड़ान पर था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते यह रविवार सुबह कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में खेतों में …

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DRDO : ट्रायल उड़ान के दौरान डीआरडीओ का तापस ड्रोन क्रैश हो गया है। बता दें कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के अनमैन्ड एरियल व्हीकल यानी कि यूएवी एक ट्रायल उड़ान पर था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते यह रविवार सुबह कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

दुर्घटना की जांच के आदेश जारी
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ का एक तापस ड्रोन एक ट्रायल फ्लाइट के दौरान क्रैश हो गया। डीआरडीओ ने रक्षा मंत्रालय को इसके बारे में जानकारी दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। वहीं ड्रोन के क्रैश होने की खबर लगते ही दुर्घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।

डीआरडीओ के मुताबिक, तापस ड्रोन का आज सुबह प्रायोगिक उड़ान परीक्षण चल रहा था। उड़ान के दौरान एक तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा और यूएवी पास के खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तकनीकी कारण की जांच की जा रही है और कोई आकस्मिक क्षति नहीं हुई है।

बता दें कि तापस ड्रोन 'मीडिया एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्युरेंस' (MALE) कैटेगरी का है। सेना में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, सर्विलांस की क्षमता बेहतर करने के लिहाज से तापस ड्रोन बेहद अहम हैं। इनके साथ ही भारत ने अमेरिका के 31 एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन्स की भी तीन अरब डॉलर की डील की थी। तापस को चित्रदुर्ग की एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में ट्रायल किया जा रहा है। वहीं रविवार को एक ड्रोन क्रैश हो गया।

30 हजार फीट की ऊंचाई पर भर सकता है उड़ान
डीआरडीओ का तापस ड्रोन अधिकतम 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और सिंथेटिक एपर्चर रडार पेलोड के साथ 250 किलोमीटर की रेंज में 24 घंटे उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन अधिकतर 350 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है। यह ड्रोन पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इस साल बंगलुरू में हुए एयर शो में भी इसे प्रदर्शित किया गया था। तापस का पूरा नाम 'टेक्टिकल एयरबोर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस' है। सीमाओं की निगरानी और दुश्मन पर नजर रखने के लिहाज से यह ड्रोन बेहद अहम साबित हो सकता है

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