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Chandrayaan-3 Update: इतिहास रचने से एक कदम दूर है चंद्रयान-3, चांद से महज 25 किमी ऊपर लगा रहा चक्कर, जानें पूरी अपडेट

vishal kumar
20 Aug 2023 6:27 AM GMT
Chandrayaan-3 Update:  इतिहास रचने से एक कदम दूर है चंद्रयान-3, चांद से महज 25 किमी ऊपर लगा रहा चक्कर, जानें पूरी अपडेट
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Chandrayaan-3 Update

Chandrayaan-3 Update : भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 चांद की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है और अब लैंडर विक्रम के अलग होने का प्रोसेस भी शुरू है. इसरो की तरफ से बताया गया था कि लैंडर 17 अगस्त की सुबह अलग होगा. जिसके बाद अब …

Chandrayaan-3 Update

Chandrayaan-3 Update : भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 चांद की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है और अब लैंडर विक्रम के अलग होने का प्रोसेस भी शुरू है. इसरो की तरफ से बताया गया था कि लैंडर 17 अगस्त की सुबह अलग होगा. जिसके बाद अब प्रणोदन मॉड्यूल (Propulsion Module) और विक्रम लैंडर अलग होने के लिए तैयार हैं. यानी अब चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग बस कुछ ही दिन दूर है.

चंद्रयान-3 इतिहास रचने के करीब पहुंच गया है. देर रात दूसरे डिबूस्टिंग ऑपरेशन के बाद विक्रम लैंडर चांद से महज 25 किमी दूर रह गया है. इससे पहले वह 113 किमी x 157 किमी की ऑर्बिट में था. अब बस 23 को सफल लैंडिंग का इंतजार है. लैंडिंग से पहले मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा.

बता दें कि चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए चंद्रयान-3 के लैंडर की रफ्तार का कम होना सबसे जरूरी है. लैंडिंग मिशन में यही सबसे बड़ी चुनौती है. इसके पहले 18 अगस्त को डीबूस्टिंग की पहली प्रक्रिया की गई थी.

रविवार को हुई दूसरी और आखिरी डीबूस्टिंग के बारे में इसरो ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और इसने ऑर्बिट को 25 किमी x 134 किमी कर दिया है. सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पॉवर्ड डिसेंट 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम लगभग 5.45 बजे शुरू होने की उम्मीद है.

दक्षिणी ध्रुव पर होगी सॉफ्ट लैंडिंग
लैंडर विक्रम इस समय चांद के ऐसे ऑर्बिट में है, जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु 25 किमी और सबसे दूर 134 किमी है. इसी कक्षा से यह बुधवार (23 अगस्त) को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. अभी तक दक्षिणी ध्रुव पर कोई मिशन नहीं पहुंचा है. यही वजह है कि इसरो ने चंद्रयान को यहां पर भेजा है.

रूस के मून मिशन को लगा झटका
उधर चंद्रयान-3 से पहले चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव में उतरने की तैयारी कर रहे रूस के मून मिशन लूना-25 को झटका लगा है. रूसी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लूना-25 ऑटोमैटिक ऑनबोर्ड कंप्यूटर पर इमरजेंसी हुई है. यह स्थिति किस तकनीकि गड़बड़ी की वजह से हुई है, इसकी जांच हो रही है. एजेंसी ने कहा कि हम इस काम को सही करने के लिए वॉरफुट पर नहीं जा सकते. इसमें समय लगेगा. ऐसे में लूना-25 के चांद पर लैंडिंग को भी वक्त लग सकता है.

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