Child Artist : याद है 70 के दशक का यह मशहूर चाइल्ड आर्टिस्ट? अब देखेंगे तो नहीं पहचान पाएंगे...
Child Artist : 70 और 80 के दशक के कई चाइल्ड आर्टिस्ट रहे हैं जो आज भी लोगों को याद हैं। उन्होंने उस वक्त की बड़ी-बड़ी फिल्मों में काम किया है। कम उम्र में उन्हें इतना प्यार मिला जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। ऐसे ही एक चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम है …
Child Artist : 70 और 80 के दशक के कई चाइल्ड आर्टिस्ट रहे हैं जो आज भी लोगों को याद हैं। उन्होंने उस वक्त की बड़ी-बड़ी फिल्मों में काम किया है। कम उम्र में उन्हें इतना प्यार मिला जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। ऐसे ही एक चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम है सत्यजीत पुरी, जिन्होंने देवानंद की फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा की। इसमें उन्होंने देवानंद के बचपन का रोल किया था। फिल्म का गाना फूलों का तारों का सबका कहना है उन्हीं पर फिल्माया गया। सत्यजीत पुरी के करियर में यह फिल्म एक टर्निंग प्वॉइंट थी। उसके बाद वह फिल्मों में अन्य किरदारों में दिखे।
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मुंबई में हुई परवरिश-
सत्यजीत का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिता पंजाबी फिल्मों के मशहूर एक्टर थे। उन्होंने हिंदी में भी फिल्में की थीं। सत्यजीत की मां सिंगर-एक्ट्रेस थीं। उनकी एक बहन हैं जिन्होंने महाभारत फेम पुनीत इस्सर से शादी की है। पुनीत इस्सर, सत्यजीत के बहनोई लगते हैं। मुंबई में पढ़े-लिखे सत्यजीत ने 6 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म 1966 में मेरे लाल आई। यह सिलसिला जो शुरू वह फिर थमा नहीं।
40 से ज्यादा फिल्मों में किया काम-
सत्यजीत की एक और हिट फिल्म शोर आई। इस फिल्म का गाना एक प्यार का नगमा है सत्यजीत पर शूट किया गया था। इसके बाद उनकी फिल्म अनुराग रिलीज हुई। मौसमी चटर्जी और विनोद राय की यह फिल्म भी सुपरहिट हुई। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर उन्होंने करीब 40 फिल्मों में काम किया। मुख्य एक्टर के तौर पर उनकी पहली फिल्म पहेली थी, जिसे ताराचंद बड़जात्या ने प्रोड्यूस किया था। उनकी अन्य फिल्मों में फतेह, खून भरी मांग, अर्जुन, शोला और शबनम है। वह लगातार सपोर्टिंग एक्टर का रोल करते रहे। वह इससे ऊब गए तो सपोर्टिंग रोल करना छोड़ दिया।