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Raipur : हजारों करोड़ के सौगात देने से पेट नही भरेगा, महंगाई कम होनी चाहिए, जैन संवेदना ट्रस्ट ने की प्रधानमंत्री से अपील...
रायपुर – आम आदमी का पेट राशन और सब्ज़ी, दूध से भरता जो बहुत महँगा है, जनता की पहुँच से बाहर हो रहा है, हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात देने से पेट नही भरेगा, महंगाई कम होनी चाहिये। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से रायपुर …
रायपुर – आम आदमी का पेट राशन और सब्ज़ी, दूध से भरता जो बहुत महँगा है, जनता की पहुँच से बाहर हो रहा है, हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात देने से पेट नही भरेगा, महंगाई कम होनी चाहिये। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से रायपुर प्रवास पर महंगाई पर लगाम लगाने की मांग की है।
महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने आगे कहा कि पिछले सालभर में क्रूड ऑयल की खरीदी में 58 हजार करोड़ से ज़्यादा का मुनाफा तेल कंपनियों ने कमाया है, जो वास्तव में आम जनता के हक का पैसा है। पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों से आम उपभोक्ता वस्तुओं के दाम प्रभावित होते हैं, कच्चे तेल के दामों में 40 प्रतिशत कमी का लाभ सीधे जनता को मिलना चाहिए। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर प्रवास पर देश के 15 करोड़ सीनियर सिटीजन को रेलवे कन्सेशन की पुरानी मांग को पूरी करने अपेक्षा की है, आम नागरिक पूरे जीवन पर्यन्त विभिन्न प्रकार से टैक्स भरता है, जीवन के अंतिम पड़ाव में सरकार से सुविधाओं की आशा करता है, पिछली सरकारों ने रेलवे यात्रा में 40 व 60 प्रतिशत की रियायत दी थी, जिसे केन्द्र की मोदीजी की सरकार ने छीन लिया है, जबकि इससे सरकार पर बहुत ज्यादा भार नही पड़ता है। मोदी जी को बुजुर्गों के हक का रेलवे कन्सेशन बहाल करना चाहिए।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को ध्यान आकरिष्ठ करते हुए कहा कि गरीब लोगों की टमाटर चटनी 100 रुपये किलो से अधिक भाव से मिल रही है, चावल, गेहूं, दाल, तेल, सब्जियां, दूध, शक्कर सभी के भाव आसमान छू रहे हैं। गरीब परिवारों ने जीरे का तड़का लगाना बंद कर दिया है।
महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि वन्देभारत ट्रेन की यात्रा सुविधाजनक तो है, लेकिन किराया गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की पहुंच से बहुत दूर है, यात्री सुविधाओं का लाभ आमजनों तक पहुंच सके इस दिशा में विचार किया जाना चाहिए।