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Mangla Gauri Vrat 2023: सावन में इस साल जानिए कब-कब रखे जाएंगे मंगला गौरी व्रत? फटाफट नोट कर लें तिथि और पूजा विधि

Sharda Kachhi
21 Jun 2023 2:25 AM GMT
Mangla Gauri Vrat 2023:
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Mangla Gauri Vrat 2023:

Mangla Gauri Vrat 2023: भगवान भोलेनाथ सबसे सरल व सहज देवता हैं। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव के साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है। एक तरफ जहां सावन के प्रत्येक सोमवार महादेव को समर्पित हैं। वहीं इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है …

Mangla Gauri Vrat 2023:
Mangla Gauri Vrat 2023:

Mangla Gauri Vrat 2023: भगवान भोलेनाथ सबसे सरल व सहज देवता हैं। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव के साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है। एक तरफ जहां सावन के प्रत्येक सोमवार महादेव को समर्पित हैं। वहीं इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है और मां पार्वती की पूजा की जाती है। मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है।

Mangla Gauri Vrat 2023: मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इसलिए विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और मां मंगला गौरी की पूजा करती हैं। हर साल सावन में करीब 4 या 5 मंगला गौरी व्रत पड़ते थे, लेकिन इस बार सावन दो महीने का होने वाला है, इसलिए मंगला गौरी व्रत की संख्या भी बढ़ जाएगी। आइए जानते हैं इस साल सावन में कितने मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे…

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कब-कब रखे जाएंगे मंगला गौरी व्रत 2023
पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई 2023
पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त 2023
छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त 2023
सातवा मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त 2023
आठवां मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त 2023
नौवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त 2023

मंगलागौरी व्रत का महत्व
एक तरफ कुंवारी कन्याएं जहां सुयोग्य वर के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं वहीं दूसरी ओर सुहागिन महिलाएं प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखकर मां पार्वती की पूजा करती हैं।
मंगला गौरी व्रत में विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही दांपत्य जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है।
इस दिन व्रत करने से आपके दांपत्य जीवन के साथ ही पूरे घर में भी सुख-शांति बनी रहती है।
संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए भी ये व्रत बहुत शुभ फलदायी रहता है।
यदि किसी जातक के दांपत्य जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं, तो उन्हें मंगला गौरी व्रत जरूर करना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन का कलह-कष्ट व अन्य सभी समस्याएं दूर होती हैं।

मंगला गौरी व्रत विधि
सावन महीने में हर मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। स्नानादि करके लाल, गुलाबी, नारंगी, पीले या हरे रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर की पूर्वोत्तर दिशा में एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
मां पार्वती की तस्वीर स्थापित करें।
फिर 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’ इस मंत्र का जाप करते हुए मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री, सूखे मेवे, नारियल, लौंग, सुपारी, इलायची और मिठाई चढ़ाएं।
इसके बाद मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें।
पूजा के बाद श्रृंगार का सामान सुहागिन महिलाओं को भेंट करें।
सावन में सभी मंगलवार को इस विधि से पूजा करें।

मंगला गौरी आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…।

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी…।

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…।

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

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