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Study Research : सोमवार के दिन लोगों को ज्यादा आता है हार्ट अटैक, जाने आखिर ऐसा क्यों? क्या कहता है रिसर्च...
नई दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि पूरे सप्ताह में एक दिन ऐसा होता है जब आपको घातक दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है? हां, आपने उसे सही पढ़ा है। एक दिन ऐसा होता है जब आपको घातक दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। कोई अंदाज़ा? हाल के …
नई दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि पूरे सप्ताह में एक दिन ऐसा होता है जब आपको घातक दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है? हां, आपने उसे सही पढ़ा है। एक दिन ऐसा होता है जब आपको घातक दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। कोई अंदाज़ा? हाल के एक अध्ययन में, विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि सप्ताह के किसी भी दिन की तुलना में सोमवार को लोगों को गंभीर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं, पर एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि सप्ताह में सोमवार का दिन ऐसा होता है जिस दिन गंभीर हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो सकता है।
लाइफस्टाइल और आहार की समस्याओं को अब तक हार्ट अटैक के जोखिमों से जोड़कर देखा जाता रहा है। हालांकि इस अध्ययन में दिल के दौरे के गंभीर मामले का किसी खास दिन से कनेक्शन बताया गया है।
आइए जानते हैं कि इसके पीछे वैज्ञानिकों की क्या थ्योरी है?
सोमवार को दिल का दौरा पड़ने की आशंका 13% अधिक
ब्रिटेन के मैनचेस्टर में ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी (बीसीएस) सम्मेलन में प्रस्तुत अध्ययन में बताया गया है कि सोमवार को दिल का दौरा पड़ने की आशंका 13% अधिक हो सकती है। किसी अन्य दिन की तुलना में कार्य सप्ताह के शुरुआती दिन में हार्ट अटैक के गंभीर और जानलेवा होने का खतरा भी अधिक हो सकता है।
इसके लिए शोधकर्ताओं ने 2013 से 2018 के बीच गंभीर प्रकार के दिल के दौरे के कारण अस्पताल में भर्ती आयरलैंड के 10,528 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया।
सर्केडियन रिदम और एसटीईएमआई का जोखिम
गंभीर हार्ट अटैक को एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई) के नाम से भी जाना जाता है, यह तब होता है जब मुख्य कोरोनरी आर्टरी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने डेटा अध्ययन में पाया कि सप्ताह की शुरुआत में एसटीईएमआई की शिकायत अधिक हो सकती है, सोमवार को इसका उच्चतम दर जबकि रविवार को इसके मामले काफी कम रहे। ऐसा क्यों होता है इसके कारण बहुत स्पष्ट तो नहीं हैं, पर अध्ययनों से पता चलता है कि सर्केडियन रिदम (शरीर की नींद या जागने के चक्र) इसकी एक वजह हो सकती है।
सर्केडियन रिदम का हार्ट पर असर
बेलफास्ट हेल्थ एंड सोशल केयर ट्रस्ट में शोध का नेतृत्व करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट डॉ जैक लाफन इस रिपोर्ट में बताते हैं, हमने सप्ताह की शुरुआत में एसटीईएमआई के मामले अधिक देखे हैं। अक्सर वीकेंड में हमारे सोने जागने का समय बदल जाता है, दो दिन छुट्टियों के बाद सोमवार को फिर जल्दी उठना और काम पर जाना शरीर को प्रभावित करने वाला हो सकता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोध के अनुसार सर्केडियन रिदम हृदय की फिजिकल और पैथोलॉजिकल कार्यों को नियंत्रित करती है। इसमें होने वाले बार-बार बदलाव से यह चक्र खराब हो सकता है जिसके कारण गंभीर हृदय रोगों का खतरा रहता है।
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क्या कहते हैं शोधकर्ता?
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (बीएचएफ) में चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर सर नीलेश समानी कहते हैं, यह अध्ययन गंभीर हार्ट अटैक के समय के बारे में बताता है, हमें सर्केडियन रिदम की इस थ्योरी को पुख्ता करने के लिए और विस्तृत शोध की आवश्यकता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि नींद में खलल या बार-बार इसका समय बदलाव हार्ट के लिए दिक्कतों को बढ़ाने वाला हो सकता है। सभी लोगों इस बारे में सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।