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Big Accident : सड़क हादसे में कंधे से कटकर अलग हुआ हाथ, डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद सिर्फ 6 घंटे में वापस जोड़ा...

Sharda Kachhi
17 Jun 2023 12:25 PM GMT
Big Accident
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जयपुर। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में शुक्रवार को बड़ा ऑपरेशन कर एक युवक को नया जीवन दिया गया। सड़क हादसे में अस्पताल के डॉक्टरों ने कंधे से अलग हुआ हाथ पूरी तरह जोड़ दिया। एसएमएस अस्पताल में इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है।एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया …

Big Accidentजयपुर। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में शुक्रवार को बड़ा ऑपरेशन कर एक युवक को नया जीवन दिया गया। सड़क हादसे में अस्पताल के डॉक्टरों ने कंधे से अलग हुआ हाथ पूरी तरह जोड़ दिया। एसएमएस अस्पताल में इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है।एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि बंगाल निवासी 26 वर्षीय नियामत का ऑपरेशन किया गया था. पिछले सप्ताह आगरा बाइपास पर एक ट्रक को ओवरटेक करते समय बाइक चालक तेज रफ्तार में सड़क किनारे लगे लोहे के बैरियर से टकरा गया था. हादसा इतना खतरनाक था कि उसका एक हाथ कंधे से कट कर अलग हो गया। इसके बाद उसे एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। जहां से उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के पास शिफ्ट कर दिया गया।

प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सुनील श्रीवास्तव ने अपनी टीम डॉ. प्रदीप गुप्ता, डॉ. राहुल, डॉ. भूमिका और डॉ. राजकुमार समेत अन्य लोगों के साथ मरीज को देखकर सर्जरी करने का फैसला किया. इस सर्जरी में हड्डी रोग विभाग की डॉ. वंदना, डॉ. प्रियंका, डॉ. आंचल और डॉ. सचिन शामिल थे. दोपहर 12 बजे के करीब सर्जरी शुरू की, जो शाम 6 बजे तक पूरी हुई।

डॉक्टरों ने बताया- एसएमएस में पहली बार हाथ को कंधे से पूरी तरह अलग कर वापस जोड़ने का मामला सामने आया है। डॉक्टरों को पहली सर्जरी में सफलता मिली है। डॉ. सुनील श्रीवास्तव के मुताबिक, मरीज के हाथ का मूवमेंट शुरू होने में 3-4 महीने का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि चिरंजीवी योजना के तहत यह पूरा इलाज नि:शुल्क किया गया है. प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सुनील श्रीवास्तव ने कहा- ऑपरेशन करने में सबसे बड़ी चुनौती मृत मांसपेशियों को पूरी तरह से हटाने और धमनियों और नसों को जोड़ने की थी। क्‍योंकि नस और धमनी के जुड़ने के बाद अगर मृत पेशी का कोई हिस्‍सा रह जाता है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और मरीज की जान भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि मरीज जिस हालत में अस्पताल आया था, उसका खून काफी निकल चुका था, जिसके चलते ऑपरेशन के समय 6-7 यूनिट खून चढ़ाया गया था।

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