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Record Share : निवेशकों की बल्ले-बल्ले, टायर बनाने वाली इस भारतीय कंपनी ने रचा इतिहास, जानिए कैसे हुआ ये कमाल?

Sharda Kachhi
13 Jun 2023 6:09 AM GMT
Record Share : निवेशकों की बल्ले-बल्ले, टायर बनाने वाली इस भारतीय कंपनी ने रचा इतिहास, जानिए कैसे हुआ ये कमाल?
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Record Share : नई दिल्ली : निवेशकों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है. MRF के स्टॉक ने मंगलवार को इतिहास रच दिया है. एक लाख रुपये के आकंड़े को छूने वाला MRF भारत का पहला स्टॉक बना है. ये स्टॉक बीएसई पर 98,939.70 के पिछले बंद के मुकाबले आज 99,500 पर खुला और सुबह …

Record Share : नई दिल्ली : निवेशकों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है. MRF के स्टॉक ने मंगलवार को इतिहास रच दिया है. एक लाख रुपये के आकंड़े को छूने वाला MRF भारत का पहला स्टॉक बना है. ये स्टॉक बीएसई पर 98,939.70 के पिछले बंद के मुकाबले आज 99,500 पर खुला और सुबह के कारोबार में 1,00,300 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई लेवल को छू लिया. पिछले एक साल में इस शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है.

Record Share :बेंचमार्क सेंसेक्स में 19 फीसदी की बढ़त के मुकाबले पिछले एक साल में ये स्टॉक 45 फीसदी चढ़ा है. एमआरएफ के शेयरों ने 17 जून, 2022 को बीएसई पर 65,900.05 के अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ था.

Record Share :चौथी तिमाही में MRF कंपनी ने शानदार नतीजे पेश किए थे. FY23 की मार्च तिमाही में MRF का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 162 फीसदी बढ़कर 410.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस मजबूत हुआ है. वहीं कंपनी का ऑपरेशन से होने वाला स्टैंडअलोन रेवेन्यू सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 5,725.4 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने 169 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है.

हजार रुपये से लाख रुपये तक

Record Share : MRF के शेयरों पर नजर डालें, तो साल 2000 में स्टॉक का भाव 1000 रुपये प्रति शेयर था. वहीं, 2012 में ये 10,000 रुपये के स्तर पर पहुंचा. इसके बाद 2014 में इस स्टॉक ने 25,000 रुपये का आंकड़ा छुआ. फिर 2016 में 50,000 रुपये पर पहुंचा. साल 2018 में 75,000 और अब एक लाख रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. 27 अप्रैल 1993 को MRF के एक शेयर की कीमत 11 रुपये थी.

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आखिर इतना क्यों महंगा है ये स्टॉक?

Record Share :आखिर MRF का स्टॉक इतना महंगा क्यों है, इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए. दरअसल, इसके पीछे की वजह है कंपनी का शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर इशू किए थे.

टॉय बैलून बनाने से हुई थी शुरुआत

MRF का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है. इसकी शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी. 1960 के बाद से इन्होंने टायर बनाना शुरू कर दिया. अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी निर्माता है. भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60000 करोड़ रुपये का है. JK Tyre, CEAT Tyre इत्यादि MRF के कॉम्पिटिटर हैं. MRF के भारत में 2500 से अधिक वितरक हैं और कंपनी दुनिया के 75 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट करती है.

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