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Crime News

Serial Killer Ravindra Kumar : 7 साल में 30 बच्चियों का रेप और हत्या, कई लाशो को भी बनाया अपने हवस का शिकार, अब साइको किलर रविंद्र को उम्रकैद की सजा, जानें खौफनाक कहानी पूरी दास्तान...

Sharda Kachhi
26 May 2023 7:29 AM GMT
Serial Killer Ravindra Kumar
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नई दिल्ली: दिल्ली में से आज से कुछ वर्षों पहले एक साइको रेपिस्ट का बड़ा खौफ हुआ करता था। वह छोटी बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाया करता था। दुष्कर्म के बाद वह उन्हें मौत के घात उतार देता था। उसका शिकार ज्यादातर गरीब घर की बच्चियां होती थीं, जोकि सड़क किनारे अपना …

Serial Killer Ravindra Kumar नई दिल्ली: दिल्ली में से आज से कुछ वर्षों पहले एक साइको रेपिस्ट का बड़ा खौफ हुआ करता था। वह छोटी बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाया करता था। दुष्कर्म के बाद वह उन्हें मौत के घात उतार देता था। उसका शिकार ज्यादातर गरीब घर की बच्चियां होती थीं, जोकि सड़क किनारे अपना जीवनयापन करती थीं। यह साइको रेपिस्ट साल 2015 में पुलिस के हाथ आया और आज गुरुवार को रोहिणी कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। आरोपी का नाम रविन्द्र कुमार है और इस सीरियल किलर और रेपिस्ट को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 6 मई को दोषी करार दिया था। हालांकि उसे यह सजा एक ही मामले में हुई है।

कौन है साइको रेपिस्ट रविन्द्र?

दिल्ली पुलिस ने साल 2015 में रविन्द को गिरफ्तार किया था। तब जांच में पता चला था कि रविंद्र ने साल 2008 में पहली घटना को अंजाम दिया। तब वह मात्र 15 साल का था। इसके बाद उसने अगले 7 वर्षों में 30 बच्चियों का रेप करके बेरहमी से हत्या कर दी। बताया जाता है कि रविन्द्र को भूतिया फ़िल्में देखने का शौक था। इस दौरान उसने एक दिन एक फिल्म देखि, जिसमें तीन लोग बच्चों की हत्या कर उनसे कुकर्म या दुष्कर्म करते थे। इस फिल्म ने उसके दिमाग पर गहरा असर डाला और वो भी ऐसा करने की सोचने लगा।

2014 में भी जेल गया लेकिन साल भर में ही मिल गई जमानत

2012 में वह अपने परिवार सहित दिल्ली के बेगमपुर में शिफ्ट हो गया। तब उसकी उम्र मात्र 19 वर्ष थी और वह लगातार घिनौने कांड को अंजाम दे रहा था लेकिन उसके करतूतों की भनक किसी को भी नहीं थी। इसी दौरान साल 2014 में रविन्द ने बेगमपुर इलाके में एक बच्ची को हवस का शिकार बनाया। फिर उसका गला रेतकर नाले में फेंक दिया। उसने सोचा कि बच्ची मर गई। लेकिन बच्ची की किस्मत अच्छी थी और वह बच गई। उस बच्ची को एक कांस्टेबल ने नाले में पड़ा हुआ देखा और उसने उसे बचा किया। इसके बाद रविन्द्र की पोल खुली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसी मामले में वह 2015 तक जेल में रहा और फिर उसे जमानत मिल गई।

2015 में एक पड़ोसी ने कराई जमानत

2015 में रविन्द्र के पड़ोसी ने उसकी जमानत कराई। लेकिन वह उसी पड़ोसी के बेटे की जान के पीछे पड़ गया। दरअसल रविंद्र की पड़ोस के लड़के सन्नी से दोस्ती थी। सन्नी के पिता ने ही 2014 के केस में जमानती बने। जेल से आने के बाद रविंद्र और सन्नी की दोस्ती और भी गहरी हो गई। दोनों एक-दूसरे के घर खूब आने-जाने लगे। इसकी वजह थी रविंद्र की मां। दरअसल सन्नी का रविंद्र की मां के साथ नाजायज संबंध थे। इसी दौरान एक बार रविन्द्र ने अपनी मां को सन्नी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। जिसके बाद रविंद्र सन्नी की हत्या करने की प्लानिंग करने लगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरियल रेपिस्ट-हत्यारे रविंद्र साल 2008 में अंग्रेजी हॉरर फिल्म देखकर हैवान बना था। फिल्म देखने के बाद उसने पहली वारदात को अंजाम दिया। 2015 में बेगमपुर मासूम हत्याकांड की जांच करने वाले ACP पद से रिटायर हुए जगमिंदर सिंह दहिया ने इसकी जानकारी दी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब थके हुए मजदूर शाम को घर लौटते थे और अपनी झुग्गियों में सोने चले जाते थे, तब कुमार बच्चियों को अपना शिकार बनाता था। दोषी मजदूरों के बच्चों को 10 रुपये के नोट या मिठाई का लालच रात 8 बजे से आधी रात के बीच देता था।

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक, रविंद्र उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज का रहने वाला है। वह 18 साल की उम्र में साल 2008 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। दिल्ली आने के बाद उसे नशे और पोर्न वीडियो देखने की लत लग गई।

वह बच्चियों को एक सुनसान इमारत या खाली मैदान में ले जाकर उन पर हमला करता। TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहचाने जाने के डर से उसने ज्यादातर बच्चियों को मार डाला। पुलिस के मुताबिक, उसने करीब 30 आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया, जिनमें से 14 मामले को दिल्ली के कंझावला, समयपुर बादली, निहाल विहार, मुंडका और नरेला इलाकों में अंजाम दिया था।

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