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CG Good News : कानन जू में गूंजी किलकारी, शुतुरमुर्ग ने दिए 12 अंडे, एक से निकला नन्हा मेहमान...
बिलासपुर। कानन पेंडारी जू की आबोहवा शुतुरमुर्ग के अनुकुल है। यही वजह है कि लगातार इस प्रजाति का कुनबा बढ़ रहा है। मादा शुतुरमुर्ग ने 12 अंडे दिए थे। अब इनमें से चूजे निकलने लगे हैं। एक अंडे से रविवार को चूजा बाहर निकला। वह पूरी तरह सुरक्षित है। केज में चूजे को घूमते देख …
बिलासपुर। कानन पेंडारी जू की आबोहवा शुतुरमुर्ग के अनुकुल है। यही वजह है कि लगातार इस प्रजाति का कुनबा बढ़ रहा है। मादा शुतुरमुर्ग ने 12 अंडे दिए थे। अब इनमें से चूजे निकलने लगे हैं। एक अंडे से रविवार को चूजा बाहर निकला। वह पूरी तरह सुरक्षित है। केज में चूजे को घूमते देख प्रबंधन ने खुशी जताई है। उन्हें यह भरोसा है कि आने वाले दिनों जू प्रबंधन इस प्रजाति की संख्या के मामले में अन्य जू प्रबंधन से बेहतर होगा।
कानन पेंडारी जू अकेले शुतुरमुर्ग ही नहीं बल्कि सभी वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल है। बाघों की संख्या भी इतनी बढ़ रही है कि प्रबंधन बाघ की अदला-बदली कर दूसरे जू से अलग-अलग वन्य प्राणियों को लाने में सक्षम हो गया है। एक समय था जब बाघिन गर्भ से नहीं होती थी। यदि हो जाए तो जन्म लेना वाले शावक की जान नहीं बचती थी। कुछ ऐसी ही स्थिति शुतुरमुर्ग की थी। धीरे-धीरे इस प्रजाति की संख्या घटकर केवल एक मादा ही बच गई थी।
जिसे लेकर प्रबंधन की चिंता बढ़ने लगी थी। बाद में वन्य प्राणियों की अदला-बदली प्रक्रिया के तहत रांची जू से बातचीत की गई। उन्हें प्रस्ताव भेजा गया। इस पर वह तैयार भी हो गए। रांची से शुतुरमुर्ग लाने के बाद अब इस प्रजाति का कुनबा बढ़ने लगा है। इसके चलते जू प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।
मादा एक बार 12 से 13 अंडे देती है। जनवरी में भी 13 अंडे दी थी। जिनमें से चार चूजे निकले। बाकी अंडे बेकार हो गए। जू प्रबंधन के अनुसार चारों चूजे अब बड़े हो गए हैं। इसी बीच दोबारा 12 अंडे दिए। इनमें से अभी एक से चूजा निकला है। वह भी स्वस्थ है। जूकीपर चूजे और बचे अंडों पर निगरानी रखे हुए हैं।
संख्या बढ़कर सात पहुंची
नन्हें मेहमान के आने से कानन पेंडारी जू में शुतुरमुर्ग की संख्या बढ़कर सात हो गई है। जनवरी से पहले एक नर व एक मादा ही थे। इसके बाद चार नए मेहमान आए। अभी भी मादा ने 12 अंडे दिए हैं, जिनमें से कम से कम तीन या चार से चूजे निकलने की उम्मीद है। दो-तीन दिन में परिणाम भी आ जाएगा। क्योंकि अंडे से चूजे निकलने की अवधि पूरी हो चुकी है।
80 दिन में निकलते हैं चूजे
कानन प्रबंधन के अनुसार मादा शुतुरमुर्ग ने यह अंडे 80 दिन पहले ही दी थी। इस प्रजाति में अंडे से चूजे निकलने की अवधि 80 दिन ही होती है। यदि बचे 11 अंडों में चूजे दो-तीन दिन में बाहर नहीं आए तो जू प्रबंधन यह मान रहा है कि इसके बाद चूजे नहीं निकलेंगे