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CG Politics: नंदकुमार साय ने की सीएम भूपेश बघेल की तारीफ, सरकार की इस योजना को भी सराहा, जानिए और क्या कहा?
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस प्रवेश किया. इस दौरान साय ने कांग्रेस सरकार की योजना नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी योजना की तारीफ की. सीएम बघेल की तारीफ की. राजीव भवन …
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस प्रवेश किया. इस दौरान साय ने कांग्रेस सरकार की योजना नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी योजना की तारीफ की. सीएम बघेल की तारीफ की.
राजीव भवन में साय ने कहा, ये निर्णय मेरे जीवन का बहुत कठिन निर्णय है. मैं प्रारंभ से ही भाजपा में रहा. जब जनसंघ की स्थापना हुई, उस समय से ही उस दल में रहा. अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी को मैं फॉलो करता रहा हूं. वाजपेयी जी कहते थे कि भारत जीता जागता राष्ट्र पुरुष है. अटल जी ने मध्यप्रदेश को दो भागों में बांटकर छत्तीसगढ़ का गठन किया.
इससे पहले साय ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सनातन को फॉलो करने वाली पार्टी थी लेकिन भूपेश जी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है, उसमें नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी इसे मत छोड़ना संगवारी जैसी योजनाएं हैं. देश धर्म का नाता है, गौ हमारी माता है, पहले यह नारा लगाते थे. भारतीय चिंतन में माना गया है कि 33 कोटि देवता गाय में हैं. नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी जैसी योजना लाकर उन्होंने गौ को सम्मान दिया है. छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. भूपेश बघेल जी राम वन गमन पथ का निर्माण कर रहे हैं. माता कौशल्या जी के जन्मस्थान को सम्मान दिया है.
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इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है. ऐसे समय में गरीबों और आदिवासियों के लिए पूरा जीवन संघर्ष करने वाले वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.
सीएम ने कहा, नंदकुमार साय एक जाना पहचाना चेहरा हैं. मध्यप्रदेश के समय में वे नेता प्रतिपक्ष रहे. विधानसभा में तीन बार, तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा मिलाकर पांच बार सांसद रहे. अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सेवाएं दी. भाजपा जब नया था, तब मध्यप्रदेश में जो बड़े चेहरे थे, जिनका नाम हुआ करता था, उनमें एक नाम नंदकुमार साय भी थे. उनका जीवन बहुत सादगीपूर्ण है. इतना सादगीपूर्ण कि वे नमक तक नहीं खाते. पूरा जीवन आदिवासियों के लिए संघर्ष किया. सत्ता में या विपक्ष में रहे आदिवासियों गरीबों के हक की लड़ाई लड़ते रहे.
आगे उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल पहले कांग्रेस की सरकार बनी. सरकार ने आदिवासियों के पक्ष में अनेक निर्णय लिए. इस दौरान साय ने सार्वजनिक मंचों में भी मीडिया के माध्यम से कांग्रेस सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते रहे. वे सच्चे आदिवासी नेता हैं. आज भाजपा के क्रियाकलापों से, उन्होंने कहा कि मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, उससे व्यथित होकर पार्टी त्याग दिया. कांग्रेस की नीति पर विश्वास करते हुए कांग्रेस सरकार के उल्लेखनीय कार्यों से प्रभावित होकर सदस्यता ग्रहण किया है. मैं स्वागत अभिनंदन करता हूं.