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FAME Scheme Case : 5 साल से Hero Electric और Okinawa कर रहे सब्सिडी का घोटाला? सरकार अब शुरू करेगी वसूली, जांच के दायरे में 13 और कंपनियां
नई दिल्ली। FAME Scheme Case : केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली दो कंपनियों पर गलत तरीके से सब्सिडी लेने के मामले में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इन कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric) और ओकिनावा (Okinawa) शामिल हैं। आरोप है कि ये दोनों कंपनियां साल 2019 से गलत तरीके से …
नई दिल्ली। FAME Scheme Case : केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली दो कंपनियों पर गलत तरीके से सब्सिडी लेने के मामले में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इन कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric) और ओकिनावा (Okinawa) शामिल हैं। आरोप है कि ये दोनों कंपनियां साल 2019 से गलत तरीके से दावा कर सब्सिडी ले रही है।
FAME Scheme Case : हमारे सहयोगी न्यूज चैनल निजी मीडिया ने मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज के सूत्रों के हवाले से बताया कि FAME स्कीम के तहत नियमों का उल्लंघन कर सब्सिडी का दावा करने वाले दो इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी और योजना से उन्हें डी-रजिस्टर किया जाएगा।
FAME Scheme Case : रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के जांच के दायरे में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा सहित कुल 13 इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां है। बाकी कंपनियों में बेनलिंग, ओकाया EV, जितेंद्र न्यू EV, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रिवॉल्ट इंटेलीकॉर्प प्राइवेट, काइनेटिग ग्रीन एनर्जी, एवॉन साइकल्स, लोहिया ऑटो, ठुकराल इलेक्ट्रिक एंड विक्ट्री इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, बाकी 9 इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट मंत्रालय को दो हफ्ते के भीतर मिलने की संभावना है। सरकार सब्सिडी को हड़पने के मामले में FIR दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है और जांच पूरी होने के बाद इस पर फैसला किया जा सकता है।
FAME Scheme Case : इसके अलावा सरकार को हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी, टीवीएस और ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ अलग से चार्जर बेचने और ग्राहकों से FAME के स्कीम के तहत 1.5 लाख की सीमा से अधिक चार्ज करने की शिकायतें मिली थीं। सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद एथर और ओला ने ग्राहकों को मुफ्त में चार्जर देने का फैसला किया है।
FAME Scheme Case : सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) स्कीम का दूसरा चरण 2019 में लॉन्च किया था और इसके लिए 10,000 करोड़ का बजट तय किया गया था। अभी तक इस स्कीम के तहत 3,701 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हो चुका है और वित्त वर्ष 2024 के लिए 5,172 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
- शिकायत और जांच : मंत्रालय को फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) और नॉर्म्स के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी व्हीकल टेस्टिंग एजेंसियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी। इन एजेंसियों ने 13 EV कंपनियों के कंपोनेंट्स की सोर्सिंग पर विस्तृत जांच की। एजेंसियों ने प्लांट ऑडिट और व्हीकल्स की स्ट्रिप डाउन टेस्टिंग भी की। ये सभी जांच कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ की गई।
- जांच में क्या मिला? : रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने इम्पोर्टेड पार्ट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है, जो PMP दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जिन पुर्जों को भारत में तैयार किया जाना चाहिए था, उन्हें भी बाहर से इम्पोर्ट किया गया है।
- कार्रवाई में क्या? : सोसाइटी फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने दावा किया कि करीब 15 महीनों के लिए 1400-1500 करोड़ की सब्सिडी रोक दी गई है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती ईवी कंपनियों को सब्सिडी नहीं दी जाएगी। वहीं जो सब्सिडी दी जा चुकी है वह कंपनियों से वसूली जाएगी और इन्हें डीलिस्ट किया जाएगा।