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Water Metro: भारत को आज मिलेगी पहली वॉटर मेट्रो, क्या कुछ होगा खास, एक क्लिक में जानें सबकुछ
Water Metro:
Water Metro:नई दिल्ली: भारतवासियों के लिए आज का दिन बेहद ही खास है। क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल में भारत की पहली ‘वॉटर मेट्रो रेल सेवा’ का लोकार्पण करेंगे। ये सेवा ऐसे शहरों के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है, जहां पारंपरिक मेट्रो रेल में कई बाधाएं हैं। आइए जानते हैं कि वॉटर …
Water Metro:नई दिल्ली: भारतवासियों के लिए आज का दिन बेहद ही खास है। क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल में भारत की पहली ‘वॉटर मेट्रो रेल सेवा’ का लोकार्पण करेंगे। ये सेवा ऐसे शहरों के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है, जहां पारंपरिक मेट्रो रेल में कई बाधाएं हैं। आइए जानते हैं कि वॉटर मेट्रो रेल सेवा से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां-
Water Metro:कोच्चि वॉटर मेट्रो शहर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में अहम साबित होगी। करीब 1,136 करोड़ रुपये की परियोजना को केरल के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। यह शहर में सार्वजनिक परिवहन व पर्यटन के जरिये आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकेगा।
Water Metro:वॉटर मेट्रो कोच्चि व आस-पास के दस द्वीपों के बीच शुरू हो रही है। पहले चरण में कोच्चि वॉटर मेट्रो हाई कोर्ट-वाइपिन टर्मिनल और विट्टिला-कक्कनाड टर्मिनल के बीच शुरू होगी
Water Metro:वॉटर मेट्रो पर सफर के लिए न्यूनतम किराया 20 रुपये है, जो लोग नियमित यात्री होंगे वह बस या लोकल ट्रेन की तरह साप्ताहिक और मासिक पास भी ले सकते हैं। बता दें, साप्ताहिक किराया 180 रुपये, जबकि मासिक 600 रुपये वहीं, त्रैमासिक किराया 1,500 रुपये होगा। इतना ही नहीं यात्री कोच्चि मेट्रो ट्रेन और वॉटर मेट्रो में एक ही स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल कर सफर कर सकेंगे। टिकट बुक करने के लिए आप कोच्चि वन ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Water Metro:वॉटर मेट्रो के रूप में चलाई जाने वाली बोट्स को कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। इस प्रोजेक्ट को केरल की सरकार ने जर्मनी की KFW के साथ मिलकर फंड किया है। करीब 1,137 करोड़ रुपये इस पर खर्च हुए हैं।
वॉटर मेट्रो की शुरुआत पहले 8 इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट्स से होगी फिर बाद में इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
Water Metro:मेट्रो ट्रेन की तरह यह पूरी तरह वातानुकूलित होंगी और रोजाना 15 मिनट के अंतराल पर 12 घंटे तक सेवाएं देंगी। अभी शुरुआत में 23 नावें व 14 टर्मिनल हैं। वहीं, प्रत्येक मेट्रो में 50 से 100 यात्री बैठ सकते हैं।
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अब शहर की जरूरत के अनुसार परिवहन प्रणाली
मेट्रो लाइट : गोरखपुर, जम्मू में
अनुभव, आराम, सुविधाएं, समयबद्धता, विश्वसनीयता, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पारंपरिक मेट्रो की तरह।
जम्मू, श्रीनगर, गोरखपुर जैसे टियर-2 व छोटे शहरों के लिए।
एक समय में अधिकतम 15 हजार लोगों को सेवाएं।
40% कम लागत पारंपरिक मेट्रो से।
मेट्रो नियो : नासिक में
Water Metro:रबर के पहियों वाली यह मेट्रो सेवा ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन से बिजली लेकर रोड स्लैब पर चलाई जाएंगी। पारंपरिक मेट्रो जैसी सुविधाएं।
नासिक में तैयारी। इलेक्ट्रिक बस ट्रॉली की तरह होगी।
एक समय में अधिकतम आठ हजार यात्रियों को ले जाएगी।
स्थानीय तीव्र परिवहन प्रणाली : एनसीआर, मेरठ में
Water Metro:देश में पहली बार स्थानीय स्तर पर तीव्र परिवहन प्रणाली या आरआरटीएस के जरिये दो शहरों को मेट्रो से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
एनसीआर-मेरठ के लिए। स्थानीय स्तर पर विकास को तेजी की उम्मीद की जा रही है। नागरिकों को भी बेहतर परिवहन सेवाएं मिल सकेंगी।