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Varuthini Ekadashi 2023: वरुथिनी एकादशी के दिन इन बातों का रखें खास ध्यान, भूलकर भी न करें ये गलतियां, रूठ सकते हैं भगवान विष्णु
Varuthini Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में हर त्योहार व पर्व का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल वरुथिनी एकादशी …
Varuthini Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में हर त्योहार व पर्व का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल वरुथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल 2023 को रखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट से हो रही है। इसका समापन 16 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर होगा।
Varuthini Ekadashi 2023: वहीं इस व्रत का पारण 17 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 54 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट के बीच में किया जा सकेगा। शास्त्रों में एकादशी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी व्रत रखता है और विधि-विधान से पूजा करता है उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। हालांकि एकादशी व्रत से संबंधित कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है। इसके अलावा कुछ ऐसे कार्य हैं जो इस दिन नहीं करने चाहिए। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं…
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एकादशी के दिन क्या करें?
वरुथिनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें और पूरे दिन ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत करें। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी एकादशी के अगले दिन किया जाता है।
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी समाप्त होने से पहले कर लेना चाहिए। इसके अलावा एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व माना गया है, इसलिए एकादशी तिथि को दान कर्म अवश्य करें।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का भोग अवश्य अर्पित करें। तुलसी विष्णु जी को अत्यंत प्रिय हैं। वहीं यदि आपने एकादशी व्रत नहीं भी किया है तब भी इस दिन केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें।
एकादशी के दिन मांस मदिरा के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की नशीली एवं तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया है, इसलिए इस दिन यदि व्रत नहीं भी रखा तो भी चावल का सेवन न करें।
इस दिन क्रोध करने से बचें। साथ ही किसी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग न करें। इसके अलावा एकादशी तिथि पर पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।