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Success Story: MA-LLB पास रेखा बनीं राज्य की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर, चुनौतियों ने भी टेके इनके सामने घुटने, बेहद ही दिलचस्प है इनकी सफलता से संघर्ष की कहानी

Sharda Kachhi
6 April 2023 2:50 AM GMT
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Success Story: कहते हैं कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो तो हर मंजिल छोटी लगने लगती है. आज के दौर में महिलाओं को कमजोर, पिता या पति पर निर्भर मानने वालों की सोच में महिलाओं ने बदलाव लाया है। ऐसा ही एक बदलाव उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। Success Story:उत्तराखंड की एक …

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Success Story: कहते हैं कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो तो हर मंजिल छोटी लगने लगती है. आज के दौर में महिलाओं को कमजोर, पिता या पति पर निर्भर मानने वालों की सोच में महिलाओं ने बदलाव लाया है। ऐसा ही एक बदलाव उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है।

Success Story:उत्तराखंड की एक महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसकी हर कोई तारीख कर रहा है। यह महिला कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इस महिला का नाम रेखा लोहनी पांडे हैं। रेखा लोहनी पांडे की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक और परिस्थितियों के सामने घुटने न टेकने का संदेश देने वाली है। आइए जानते हैं कौन हैं रेखा लोहनी पांडे और संघर्षों से सफलता की राह तलाशने की कहानी।

कौन हैं रेखा लोहनी पांडे?

Success Story:रेखा लोहनी पांडे उत्तराखंड की रहने वाली हैं। रेखा के नाम एक उपलब्धि जुड़ गई है, जिसके कारण परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने भी उनकी प्रशंसा की है। इन दिनों वह उत्तराखंड की स्टार बन चुकी हैं।

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रेखा पांडे की उपलब्धि

Success Story:रेखा लोहनी उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर हैं। महिलाओं का ड्राइविंग करना कोई बड़ी बात नहीं लेकिन एक उच्च शिक्षित महिला एक ऐसे पेशे में आई, जिसे अमूमन पुरुषों तक सीमित माना जाता है। उन्होंने बिना किसी शर्म के इस पेशे को अपनाया और लोगों की सोच को बदलने में बड़ा योगदान दिया।

रेखा की शिक्षा

Success Story:रेखा लोहनी पांडे के पास डबल एमए की डिग्री है। उन्होंने मास्टर्स इन सोशल वर्क किया है और एलएलबी की पढ़ाई भी पूरी की है। वकालत की डिग्री होने के बावजूद रेखा ने एक ड्राइवर बनने का फैसला लिया। यह फैसला किसी मजबूरी में नहीं लिया गया, बल्कि उनकी प्राथमिकता आत्मनिर्भर बनना था, साथ ही वह अन्य महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। घर की दहलीज को पार कर खुद की पहचान बनाएं। खुद को सशक्त करें।

क्यों बनीं टैक्सी ड्राइवर

Success Story:रेखा का घर रानीखेत में है, जहां वह अपने पति और तीन बेटियों के साथ रहती हैं। वह रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चलाती हैं। रेखा के पति का नाम मुकेश चंद्र पांडे है, जो कि फौज से रिटायर हो चुके हैं। टैक्सी ड्राइवर बनने की नौबत तब आई जब अचानक उनके पति की तबीयत खराब हुई। फौज से रिटायर होने के बाद उनके पति ने टैक्सी चलाने का काम शुरू किया।

Success Story:अचानक उनकी तबीयत खराब हुई तो टैक्सी चलाने के लिए एक ड्राइवर को रख लिया गया लेकिन इससे उन्हें काम में नुकसान होने लगा। बाद में रेखा ने परिवार को संभालने और पति की मदद के लिए खुद ही स्टेयरिंग अपने हाथों में ले ली। उन्होंने शुरू में जब टैक्सी चलानी शुरू की तो मुश्किलें आईं। पति की देखरेख, बच्चों को संभालने के साथ ही दिनभर घर से बाहर रहकर काम करना आसान नहीं था। रिश्तेदारों और लोगों की बातें भी सुननी पड़ी लेकिन उनका मनोबल कभी कम नहीं हुआ। आज उनकी हिम्मत की तारीफ हो रही है। परिवहन मंत्री ने उन से फोन पर बात की और मदद का आश्वासन दिया है।

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