Morning Yoga Tips : आँखों और पलकों पर पड़ी झुर्रियाँ आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा का प्रतीत कराती हैं जो आपको बेहद थका हुआ और शिथिल दिखाती हैं। उम्र का बढ़ना एक अनिवार्य प्रक्रिया है जिसे कोई भी नही रोक सकता है और हम में से कोई भी इसे खुशी से स्वीकार नहीं करता है। …
Morning Yoga Tips : आँखों और पलकों पर पड़ी झुर्रियाँ आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा का प्रतीत कराती हैं जो आपको बेहद थका हुआ और शिथिल दिखाती हैं। उम्र का बढ़ना एक अनिवार्य प्रक्रिया है जिसे कोई भी नही रोक सकता है और हम में से कोई भी इसे खुशी से स्वीकार नहीं करता है। ऐसे में आज हम आपको इसे हटाने के लिए ऐसे प्राणायाम के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको काफी फायदा हो सकता हैं।
सूर्य भेदी प्राणायाम
सूर्य भेदी प्राणायाम हमारे भीतर सूर्य की ऊर्जा को चैनलाइज़ करता है। यह सूर्य नाड़ी का भेदन है या सूर्य नाड़ी का चैनलीकरण है, जो हमें सूर्य की शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है। हमारा अभ्यास शरीर के भीतर सूर्य नाड़ी चैनल को सक्रिय करता है। सूर्य के गुण, तर्क, शरीर की कार्यक्षमता, बल सभी इस अभ्यास से शक्ति प्राप्त करते हैं।
विधि
- पालथी मारकर आरामदायक मुद्रा (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन) में बैठें।
- पीठ को सीधा करें और आंखें बंद कर लें।
- शरीर पर ध्यान दें, संतुलित रहें।
- रीढ़, गर्दन और पीठ एक सीध में होनी चाहिए।
- तर्जनी और मध्यमा अंगुलियों को माथे पर रख लें।
- बाएं नाक की छेद को बाकि दो अंगुलियों से बंद करके दाएं नाक की छेद से सांस को धीरे-धीरे बाहर निकाल दें।
- फिर दाएं नाक से आवाज करते हुए लंबी सांस अंदर की ओर लें।
- अब थोड़ी देर के लिए सांस अंदर रोक लें।
- फिर बिना आवाज किए बाईं नाक से सांस बाहर निकाल दें।
- इस प्रकार 15-20 बार इसका अभ्यास करें।
कपाल भाति
संस्कृत में, 'कपाल' का अर्थ 'खोपड़ी' है और 'भाती' का अर्थ 'चमकना/रोशनी' है। इसलिए इस कपालभाति प्राणायाम को स्कल शाइनिंग ब्रीदिंग टेक्निक भी कहा जाता है। कपालभाति सबसे शक्तिशाली प्राणायाम तकनीकों में से एक है, जो बुढ़ापा रोकने में मदद करता है।
विधि
- किसी भी आरामदायक आसन में बैठें।
- पीठ को सीधा करें और आंखें बंद कर लें।
- हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
- सामान्य रूप से सांस लें और छोटी, लयबद्ध और जोरदार सांस के साथ सांस छोड़ने पर ध्यान दें।
- नासिका छिद्रों से कुछ बल और ध्वनि के साथ सांस छोड़ें, जैसे नथुनों को साफ करने का प्रयास कर रहे हों।
- फिर श्वास लें, लेकिन बहुत अधिक प्रयास या बल के बिना।
- जैसे ही सांस छोड़े पेट की मसल्स को सिकोड़ें और नाभि को रीढ़ की ओर खींचें।
- पेट को अंदर खींचने और सिकोड़ने के लिए कुछ प्रयास करें।
- फिर सांस लेते हुए संकुचन को छोड़ दें।
- पहले धीमी गति से अभ्यास करें।
- ऐसी कुछ और सांसें लयबद्ध तरीके से आरामदायक गति से लें और विश्राम करें।
- 2-3 बार दोहराएं।
note : यहां दी गई जानकारियां इंटरनेट पर मिली सूचनाओं पर आधारित हैं।TCP24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है।