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अच्छी खबर: दुर्लभ बीमारियों की दवाइयां होंगी सस्ती, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, अधिसूचना जारी

Sharda Kachhi
30 March 2023 7:20 AM GMT
अच्छी खबर: दुर्लभ बीमारियों की दवाइयां होंगी सस्ती, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, अधिसूचना जारी
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नई दिल्ली: बाजार में अब दुर्लभ और गंभीर बीमारियों की दवाईयां सस्ते दर पर उपलब्ध होंगी। इस संबंध में बड़ा फैसला करते हुए सरकार ने नेशनल पॉलिसी फार रेयर डिजीज 2021 के तहत लिस्टेड दुर्लभ बीमारियों के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली दवाइयों की कस्टम ड्यूटी को फ्री कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने …

नई दिल्ली: बाजार में अब दुर्लभ और गंभीर बीमारियों की दवाईयां सस्ते दर पर उपलब्ध होंगी। इस संबंध में बड़ा फैसला करते हुए सरकार ने नेशनल पॉलिसी फार रेयर डिजीज 2021 के तहत लिस्टेड दुर्लभ बीमारियों के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली दवाइयों की कस्टम ड्यूटी को फ्री कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके इसकी सूचना दी है।

इस छूट का लाभ व्यक्तिगत आयातक भी उठा सकेंगे, उन्हें इसके लिए केंद्र या राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक या जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस फैसले से उन लोगों को काफी राहत मिलने का उम्मीद है जो मंहगी दवाइयों और इलाज के उपकरणों के चलते दुर्लभ बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते हैं।

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गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी या ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी दुलर्भ बीमारियों के उपचार के लिए निर्दिष्ट दवाओं को छूट पहले ही प्रदान की हुई है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना में बताया, सरकार को अन्य दुर्लभ बीमारियों के उपचार में प्रयोग में लाई जाने वाली दवाओं और उपचार के लिए आवश्यक विशेष खाद्य पदार्थों के लिए सीमा शुल्क में राहत की मांग वाले कई पत्र प्राप्त हुए। इनमें से कई बीमारियों की दवाइयां काफी महंगी होती हैं और इन्हें आयात करने की आवश्यकता है। यह फैसला ऐसे रोगियों के उपचार के लिए खर्च होने वाली मोटी रकम को कम करने में सहायक होगी।

एक अनुमान के अनुसा 10 किलो वजन वाले बच्चे को अगर कोई दुर्लभ बीमारी है तो इसके इलाज की वार्षिक लागत 10 लाख से 1 करोड़ से अधिक हो सकती है। उपचार को आजीवन चलाने की भी जरूरत हो सकती है, जिसके चलते दवा की लागत बहुत अधिक हो जाती है। उम्र और वजन के साथ डोज और इसी के पैरलल दवाइयों का खर्च भी बढ़ता रहता है। इनके कस्टम ड्यूटी फ्री होने से दवाइयों के दाम में कमी आएगी जिसका सीधा लाभ रोगी के इलाज में खर्च होने वाली राशि को कम करने में मिल सकेगा।

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