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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन इन उपायों से करें स्कंदमाता को प्रसन्न, फटाफट नोट कर लें पूजन विधि-भोग से लेकर सबकुछ

Sharda Kachhi
26 March 2023 2:09 AM GMT
Chaitra Navratri 2023:
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Chaitra Navratri 2023:

Chaitra Navratri 2023: हिन्दू धर्म के सबसे बड़े पर्व चैत्र नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. और इस दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. नवदुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता का है. कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं, इसलिए …

Chaitra Navratri 2023:
Chaitra Navratri 2023:

Chaitra Navratri 2023: हिन्दू धर्म के सबसे बड़े पर्व चैत्र नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. और इस दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. नवदुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता का है. कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं, इसलिए इनको पद्मासना देवी भी कहते हैं. इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं, इसलिए इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है. आइए आपको स्कंदमाता की पूजन विधि के बारे में विस्तार से बताते हैं.

स्कंदमाता की पूजा से क्या होगा लाभ?
Chaitra Navratri 2023: स्कंदमाता की पूजा से संतान की प्राप्ति सरलता से हो सकती है. इसके अलावा अगर संतान की तरफ से कोई कष्ट है तो उसका भी अंत हो सकता है. स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें तथा पीली चीजों का भोग लगाएं. अगर पीले वस्त्र धारण किए जाएं तो पूजा के परिणाम अति शुभ होंगे. इसके बाद देवी मां के सामने बैठकर प्रार्थना करें.

कुंडली में बृहस्पति को बनाएं मजबूत
Chaitra Navratri 2023: कहते हैं कि स्कंदमाता की उपासना कर कुंडली में देवगुरु बृहस्पति को मजबूत बनाया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले पीले वस्त्र धारण करें और फिर मां के समक्ष बैठें. इसके बाद "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का जाप करें. देवी मां से बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने की प्रार्थना करें. आपका बृहस्पति मजबूत होता जाएगा.

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स्कंदमाता का विशेष प्रसाद

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. इसके बाद इसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें. संतान और स्वास्थ्य दोनों की बाधाएं दूर होंगी. इसके बाद स्कंदमाता के विशेष मंत्र- “नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा। ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी" का जाप करें.

देवी स्कंदमाता की पूजन विधि
Chaitra Navratri 2023: मां के समक्ष पीली चुनरी में एक नारियल रखें. स्वयं पीले वस्त्र धारण करके 108 बार “नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा. ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी" मंत्र का जाप करें. इसके बाद नारियल को चुनरी में बांधकर अपने पास रख लें. इसको अपने शयनकक्ष में सिरहाने पर रखें. स्कंद माता की पूजा से संतान की प्राप्ति सरलता से हो सकती है. इसके अलावा, संतान से कोई कष्ट हो रहा हो तो उसका भी अंत हो जाएगा. स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें और पीली चीजों का भोग लगाएं.

Chaitra Navratri 2023: ऐसा माना जाता है कि कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत रचनाएं स्कंदमाता की कृपा से ही संभव हुईं. किसी भी पूजा को संपूर्ण तभी माना जाता है जब आप अपने आराध्य की कोई प्रिय वस्तु उन्हें अर्पित करें तो चलिए अब आपको बताते हैं वो विशेष प्रसाद जिसके अर्पण से मां स्कंदमाता प्रसन्न होती है.

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