Earthquake Signals : भूकंप आने से पहले मिलते है ये संकेत, जोर-जोर से रोने लगते है कुत्ते, चिड़ियों की बदल जाती है आवाज, जान गए तो समझो बच गई जान…

Earthquake Signalsनई दिल्ली, Earthquake Signals : भारतीय ज्योतिष शास्त्र में भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के आने के पूर्व संकेतों का उल्लेख मिलता है। वैसे विनाशकारी भूकंप की भविष्यवाणी तो कोेई नहीं कर सकता, लेकिन प्रकृति इसके संकेत पहले से ही देने लगती है और हम उसपर ध्यान नहीं देते हैं। भूकंप आने से कई दिन पहले चूहे, नेवला, सांप और सेंटीपीड कथित तौर पर अपने घरों को छोड़कर सुरक्षा के लिए भागने लगते हैं। दावा तो यहां तक किया जाता है कि भूकंप आने के कुछ घंटे पहले ही जानवरों को आभास हो जाता है। धरती के भीतर चट्टानों में हलचल को जानवर भांप लेते हैं। दरअसल, धरती के भीतर चट्टानों के स्थान बदलने या एक दूसरे से टकराने से कुछ कण पैदा होते हैं जो हवा में मिलने शुरू हो जाते हैं। एक्सपर्ट दावा करते हैं कि इन सूक्ष्म कणों को इंसान आंखों से नहीं देख सकते हैं लेकिन जानवर समझ जाते हैं। यह कुछ वैसा ही होता है जैसे हवा में गंदगी इंसानों को बर्दाश्त नहीं होती है तो वे सुरक्षित जगह जाना पसंद करते हैं। उसी प्रकार भूकंपीय कणों को देख जानवर भागने लगते हैं।

भूकंप से पहले मिलते हैं ये संकेत
प्राकृतिक आपदाओं की तरह भूकंप के भी आने के कुछ पूर्व संकेत हमें मिलने लगते हैं। लेकिन आम इंसान इन संकेतों पर ध्यान नहीं देता और उन्हें समझ नहीं पाता है। ये संकेत अलग-अलग तरह से हमारे सामने आते हैं। जैसे कि वातावरण में तापमान का अचानक बढ़ जाना, मौसम में अचानक बदलाव आ जाना। भूकंप आने से पहले कुएं का पानी बढ़ने या घटने लगता है। 20 घंटे पहले रेडियो सिग्नल में खराबी आने लगती है। टीवी सिग्नल में भी खराबी आने लगती है। उसके ऑडियो विजुएल स्पेक्ट्रम में खराबी आ जाती है। मोबाइल के सिग्नल में भी खराबी आ जाती है।

 

जानवरों को पहले हो जाती है भूकंप की खबर
भूकंप का एहसास जानवरों को पहले ही हो जाता है। वे चीखने चिल्लाने लगते हैं। सांप और चूहों को इसका आभास सबसे पहले हो जाता है। उसके बाद कुत्तों को भी इसका पता चल जाता है और वे उस जगह को छोड़ देते हैं जहां भूकंप आने वाला होता है। फिर पक्षियों को भूकंप आने का एहसास हो जाता है और वे अलग तरह की आवाजें निकालने लगते हैं और चहकने लगते हैं। वे दूसरे पक्षियों को इसके लिए आगाह करते हैं। भूकंप आने से पहले आसमान मे अजीब तरह का उजाला दिखने लगता है जिसे अर्थक्वेक लाइट भी कहते हैं। हम अगर इन संकेतों पर ध्यान देंगे तो कुछ हद तक भूकंप से कम नुकसान होगा। इसे लेकर भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती लेकिन इसे लेकर अलर्ट जरूर रहा जा सकता है।

इसके साथ ही भूकंप वाले क्षेत्र में भूगर्भ से हीलियम गैस का रिसाव बढ़ जाता है। इससे एक-दो दिन पहले भूकंप का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा अचानक जलस्तर घट या बढ़ जाता है। नालों से पानी अचानक गायब हो जाएगा या फिर बहुत अधिक बढ़ जाएगा। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ दिन तो दूर कुछ घंटों पहले भी भूकंप की भविष्यवाणी संभव नहीं है।

तुर्की के भूकंप की हुई थी भविष्यवाणी
नीदरलैंड के वैज्ञानिक फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन फरवरी को भविष्यवाणी की थी तुर्की और सीरिया में भूकंप आ सकता है और उसकी तीव्रता 7.5 या उससे ज्यादा भी हो सकती है। उसके तीन दिन के बाद ही ये विनाशकारी भूकंप आ गया। ये भी दावा किया था कि भूकंप हमेशा ग्रहों की स्थिति के अनुसार आते हैं।

 

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