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Chhattisgarh

CG Vidhansabha : विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक 2023, CM भूपेश बघेल बोले - स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन…

viplav
22 March 2023 1:01 PM GMT
CG Vidhansabha
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रायपुर। CG Vidhansabha : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक 2023 पेश किया. विपक्ष की आपत्तियों के बीच विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों मेें लिखा जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश …

CG Budget Session 2023

रायपुर। CG Vidhansabha : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक 2023 पेश किया. विपक्ष की आपत्तियों के बीच विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों मेें लिखा जाएगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक 2023 पेश करते हुए बताया कि कानून की क्या व्यवस्था है, किसके लिए यह लागू होगा, कौन से मीडिया कर्मी इस कानून में पात्र होंगे इसके प्रावधान में है. उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक प्रभाव वाला विधेयक है. कई बार इस कानून की मांग आई. 2019 में ही समिति का गठन कर लिया गया था. सभी से रायशुमारी के बाद यह कानून तैयार किया गया. आज का यह दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा.

इसके पहले सदन में विधेयक को पेश किए जाने पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए इसे प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की. आसंदी ने विपक्ष की मांग को अस्वीकृत किया. इसके साथ ही चर्चा से विपक्ष के सदस्यों ने अपने आप को अलग कर लिया.

इस विधेयक में मीडिया संस्थान में काम करने वाले पत्रकार से लेकर गांव में काम करने वाले पत्रकार और फ्री लांसिंग करने वाले पत्रकारों को भी सुरक्षा दी जाएगी. सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए सभी को बधाई दी है. साथ ही, विपक्ष के चर्चा में हिस्सा नहीं लेने पर नाराजगी भी जताई है.

विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, आज छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी विधेयक पारित हुआ है. पत्रकार साथी जान जोखिम में डालकर खबरें लाते हैं. ऐसे लेख लिखते हैं, जिससे उन्हें और परिवार के लोगों को खतरा होता है. जनहानि के साथ-साथ धनहानि की संभावना बनती है. ऐसे पत्रकार साथियों के ऑफिस और गांव में जो काम करते हैं, उनके लिए भी न केवल अधिमान्यता पत्र जारी करने की व्यवस्था होगी, बल्कि 6 महीने में जिनके तीन लेख प्रकाशित हुए हैं, उन्हें भी सुरक्षा कानून के दायरे में लाया गया है. ताकि पत्रकारों की सुरक्षा हो सके.

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