Begin typing your search above and press return to search.
Main Stories

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में जानिए कैसे करें मां दुर्गा की आराधना? इस दौरान भूलकर भी न करें ये गलती, फटाफट नोट कर लें शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ

Rohit Banchhor
16 March 2023 2:23 AM GMT
Chaitra Navratri 2023:
x

Chaitra Navratri 2023:

Chaitra Navratri 2023: हिन्दू धर्म में त्योहारों व पर्वों का विशेष महत्व होता है। वहीँ चैत्र नवरात्र के साथ ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से आरम्भ हो रही है. चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से वासंतिक या चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। …

Chaitra Navratri 2023:
Chaitra Navratri 2023:

Chaitra Navratri 2023: हिन्दू धर्म में त्योहारों व पर्वों का विशेष महत्व होता है। वहीँ चैत्र नवरात्र के साथ ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से आरम्भ हो रही है. चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से वासंतिक या चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है।

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि स्थापना से लेकर रामनवमी तक का समय अत्यंत पवित्रता, उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। आदिशक्ति की उपासना के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है।

Chaitra Navratri 2023: देवी मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को शक्ति, स्फूर्ति और विनम्रता प्रदान करती हैं। सभी को अपना ममतामयी आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पूजा के इन पावन दिनों में यदि श्रद्धा भक्ति के साथ-साथ कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर मां दुर्गा की उपासना की जाए तो इससे पूजा में ध्यान भी लगता है और पूजा के फल में वृद्धि होती है।

read more: Chanakya Niti: इन राहों पर चलने वाले व्यक्ति के घर में कभी खाली नहीं होगी तिजोरी! हमेशा भरा रहेगा भंडार, देखें कहीं इस लिस्ट में आप भी तो नहीं

सही दिशा में हो पूजन
Chaitra Navratri 2023: मानसिक स्पष्टता और प्रज्ञा का दिशा क्षेत्र उत्तर-पूर्व पूजा करने के लिए आदर्श स्थान हैं। यहां पूजा करने से अच्छा प्रभाव मिलता हैं, शुभ फलों में वृद्धि होती है एवं आपको हमेशा ईश्वर का मार्गदर्शन मिलता रहता है।

सात्विक रंगों का प्रयोग
Chaitra Navratri 2023: ध्यान रहे कि जिस कमरे में आप माता का पूजन कर रहे हैं वह कक्ष साफ़-सुथरा हो, उसकी दीवारें हल्के पीले, गुलाबी ,हरे या बैंगनी जैसे सात्विक रंग की हो तो अच्छा है, क्योंकि ये रंग आध्यात्मिक ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते है। काले, नीले और भूरे जैसे तामसिक रंगों का प्रयोग पूजा कक्ष की दीवारों पर नहीं होना चाहिए क्योंकि ये रंग सुस्ती एवं आलस्य को बढ़ाते हैं।

इस दिशा में रखें कलश
Chaitra Navratri 2023: धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश में सभी ग्रह,नक्षत्रों एवं तीर्थों का वास होता है। इनके अलावा ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र,सभी नदियों, सागरों, सरोवरों एवं तैतीस कोटि देवी-देवता कलश में विराजमान होते हैं। वास्तु के अनुसार ईशान कोण(उत्तर-पूर्व)जल एवं ईश्वर का स्थान माना गया है और यहां सर्वाधिक सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इसलिए पूजा करते समय माता की प्रतिमा या कलश की स्थापना इसी दिशा में करनी चाहिए।

शुभ रहेगी यह दिशा
Chaitra Navratri 2023: देवी मां का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिशा माना गया है इसलिए यह ध्यान रहे कि पूजा करते समय आराधक का मुख दक्षिण या पूर्व में ही रहे। शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से हमारी प्रज्ञा जागृत होती है एवं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से आराधक को शांति अनुभव होती है।

प्रवेशद्वार पर बंदनवार
Chaitra Navratri 2023: देवी मां की पूजा-अनुष्ठान के दौरान घर के प्रवेशद्वार पर आम या अशोक के ताजे हरे पत्तों की बंदनवार लगाईं जाती है। ऐसा करने के पीछे मान्यता यह है कि इससे घर में नकारात्मक या बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं। माना जाता है कि देवी मां की पूजा के दौरान देवी के साथ तामसिक शक्तियां भी घर में प्रवेश करती हैं, लेकिन मुख्यद्वार पर बंदनवार लगी होने के कारण तामसिक शक्तियां घर के बाहर ही रहती हैं।

Next Story