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Chhattisgarh

व्यक्तिगत लाभ के लिए MATS University  की छवि धूमिल करने लगाई गई जनहित याचिका, उच्च न्यायालय ने की खारिज, निजी हित और ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से छवि खराब करने का षडयंत्र विफल

Sharda Kachhi
21 Jan 2023 9:48 AM GMT
MATS University
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रायपुर। प्रदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय मैट्स यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने का षडयंत्र विफल हो गया है। व्यक्तिगत लाभ और ब्लैकमेलिंग करने के उद्देश्य से कथित गलत मार्कशीट के संबंध में लगाई गई जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। यह याचिका तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल …

 MATS University
रायपुर। प्रदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय मैट्स यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने का षडयंत्र विफल हो गया है। व्यक्तिगत लाभ और ब्लैकमेलिंग करने के उद्देश्य से कथित गलत मार्कशीट के संबंध में लगाई गई जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। यह याचिका तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की गलत मार्कशीट को दिखाकर लगाई गई थी जिससे मैट्स यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई जा सके। यह मार्कशीट संजीव अग्रवाल ने ही छेड़खानी कर बनाई थी।

उल्लेखनीय है कि तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा मैट्स यूनिवर्सिटी के विरुद्ध लगातार मीडिया के विभिन्न माध्यमों में मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा गलत अंकसूची जारी करने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा था। इसके लिए संजीव अग्रवाल द्वारा मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की डीसीए की गलत अंकसूची बनाकर मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये जाने का षडयंत्र किया जा रहा था। मैट्स विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के इन गलत प्रयासों का सच माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका खारिज करने के बाद सबके सामने आ गया है। माननीय उच्च न्यायालय ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए स्पष्ट कहा कहा है कि जनहित याचिका कमजोर वर्ग के बचाव हेतु है, इसका उद्देश्य निजी हितों तथा व्यक्तिगत लाभों को प्राप्त करना नहीं है।

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पूर्व में भी छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा विभाग एवं छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा उक्त मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच की गई थी जिसमें यह पाया गया था कि जो मार्कशीट दिखाई जा रही है वह मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा जारी ही नहीं की गई है। इससे य़ह प्रतीत होता है कि संजीव अग्रवाल व्यक्तिगत लाभ के लिए ब्लैकमेलिंग के कार्यों में लिप्त है। संजीव अग्रवाल द्वारा लगाई गई जनहित याचिका को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया।

माननीय उच्च न्यायालय के इस निर्णय से मैट्स यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का मकसद और निजी लाभ के लिए ब्लैकमेल करने के सारे कुत्सित षडयंत्र भी विफल हो गये हैं। मैट्स यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम निजी विश्वविद्यालय है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर उनके करियर का निर्माण करना है। मैट्स यूनिवर्सिटी भारत सरकार के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन आयोग (नैक) से बी प्लसप्लस ग्रेड प्राप्त राज्य का प्रथम निजी विश्वविद्यालय भी है।

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