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Swiggy layoff's 2023 : स्विगी में होगी एक बार फिर छंटनी! 8-10% कर्मचारियों को दिखाएगी बाहर का रास्ता, FY22 में हुआ दोबगङा घाटा  

viplav
19 Jan 2023 2:47 PM GMT
Swiggy layoffs 2023
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नई दिल्ली। Swiggy layoff's 2023 : फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी में जल्द ही छंटनी होने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विगी फंडिंग स्लोडाउन के बीच छंटनी के एक और राउंड पर विचार कर रही है। कॉस्ट को रेशनेलाइज बनाने के लिए फूड एंड ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म अपने 6,000 के टोटल वर्कफोर्स में से 8-10% …

Swiggy layoff's 2023

नई दिल्ली। Swiggy layoff's 2023 : फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी में जल्द ही छंटनी होने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विगी फंडिंग स्लोडाउन के बीच छंटनी के एक और राउंड पर विचार कर रही है। कॉस्ट को रेशनेलाइज बनाने के लिए फूड एंड ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म अपने 6,000 के टोटल वर्कफोर्स में से 8-10% एम्प्लॉइज की छंटनी करने का प्लान बना रहा है।

Swiggy layoff's 2023 : रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार छंटनी में प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और ऑपरेशन डिपार्टमेंट्स के एम्प्लॉइज पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना है। स्विगी ने पहले कहा था कि वह अपना IPO लाने से पहले ऑपरेशनली प्रॉफिटेबल होने का लक्ष्य बना रही है, जो हाल के महीनों में टेक स्टॉक्स के खराब परफॉर्मेंस के कारण इस साल के लेटर हाल्फ में डिले हो गया है।

स्विगी के एम्प्लॉइज पर काम का दबाव
कंपनी ने अक्टूबर 2022 में अपने परफॉर्मेंस रिव्यू को पूरा किया था। जिसके बाद सभी एम्प्लॉइज को परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान (PIP) के तहत रखा गया था। सूत्रों के मुताबिक, स्विगी के एम्प्लॉइज पर काम का भारी दबाव है, क्योंकि मैनेजमेंट नंबर्स हासिल करने के लिए टीमों में फेरबदल और IPO लॉन्च करने से पहले पॉजिटिव यूनिट इकोनॉमिक्स को प्रभावित कर रहा है।

मार्केट में जोमैटो से पिछड़ रही स्विगी
Swiggy layoff's 2023 : साथ ही बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और मंदी की आशंकाओं के बीच भारतीय स्टार्ट-अप्स संभावित फंडिंग विंटर की ओर देख रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने नवंबर में कहा था कि स्विगी तेजी से अपने राइवल जोमैटो से मार्केट में अपनी हिस्सेदारी खो रही है।

FY22 में स्विगी को दोगुना घाटा हुआ
Swiggy layoff's 2023 : फाइनेंशियल ईयर 2022 (FY22) में स्विगी का घाटा दोगुना से अधिक बढ़कर 3,628.90 करोड़ रुपए रहा था। स्विगी के मुताबिक, कंपनी को यह घाटा अपने ग्रॉस रेवेन्यू को बढ़ाने की कोशिशों के कारण हुआ है। FY22 में स्विगी का ग्रॉस रेवेन्यू 124% बढ़कर 5,705 करोड़ रुपए रहा। वहीं FY21 में कंपनी का ग्रॉस रेवेन्यू 2,547 करोड़ रुपए रहा था।

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