CG News : जयपुर में आयोजित पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में शामिल हुए विस उपाध्यक्ष संतराम नेताम, छ.ग. आरक्षण के मुद्दे पर सदन का ध्यानाकर्षण करवाया

CG News

रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव। CG News राजस्थान के जयपुर में 11 एवं 12 जनवरी तक देश के सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ के पीठासीन अधिकारी के रूप में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनियुक्त उपाध्यक्ष एवं केशकाल विधायक संतराम नेताम इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की।

वहीं देश के उपराष्‍ट्रपति और राज्‍यसभा के सभापति जगदीप धनखड की मौजूदगी में इस सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। जहां छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने सभी राज्यों में विधायिका को मजबूती प्रदान करते हुए लोकतंत्र को सशक्त बनाने, विधानसभा में लिए जाने वाले निर्णयों को सुचारू रूप से कार्यपालिका से पालन करवाने, विधानसभा के जांच समितियों की कार्यप्रणाली बेहतर करने समेत विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सुझाव दिए।

बता दें कि इस पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने सर्वप्रथम जय जोहार के संबोधन से अपना उद्बोधन शुरू किया। इसके पश्चात उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रगीत के ठीक बाद राज्य गीत अरपा पैरी के धार गायन के सम्बंध में सदन को अवगत करवाया। इसके पश्चात विधायक ने विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित होने वाले विधेयकों पर राज्यपाल द्वारा निर्णय लेने के लिए एक अवधि सुनिश्चित करने का संवेदनशील मुद्दा उठाया।

Read More : CG News : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम की हुई शुरुआत, कलेक्टर ने जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना, लोगों से यातायात नियमों का पालन करने कि अपील

विधेयक पर राज्यपाल के विचार हेतु समयावधि तय करना आवश्यक

विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने सभी पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसी विधानसभा में सभी विधायक एकमत होकर कोई प्रस्ताव अथवा विधेयक पारित करते हैं तो उस पर महामहिम राज्यपाल को स्वीकृत कर हस्ताक्षर करने अथवा पुनः विचार करने के लिए वापस भेजने की एक निश्चित समयावधि निर्धारित करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। इसके लिए हमने विगत 2 दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से आरक्षण का संशोधित विधेयक पारित किया गया। तथा महामहिम राज्यपाल को हस्ताक्षर करने हेतु सौंप दिया। लेकिन लगभग 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज पर्यंत तक महामहिम राज्यपाल ने उक्त विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया है। जिसके कारण प्रदेश में शासकीय नौकरियों की भर्तियां, नियुक्तियां, बच्चों की पढ़ाई समेत विभिन्न शासकीय कार्यों में बाधा उतपन्न हो रही है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने समस्त पीठासीन अधिकारियों को इस गम्भीर मुद्दे पर यथाशीघ्र आवश्यक निर्णय लेने का आग्रह किया।

Back to top button