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Benefits of Millets : हप्ते में कम से कम एक बार जरूर करें 'मिलेट्स लंच' सेहत के लिए है बहुत फायदेमंद, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी ये मानी बात...

Sharda Kachhi
7 Jan 2023 3:02 AM GMT
Benefits of Millets
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नई दिल्ली, Benefits of Millets : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स यानी मोटा अनाज को बढ़ावा देने का आह्‍वान किया है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में उन्‍होंने कहा कि जी20 की बैठकों में मोटे अनाज के व्‍यंजन ही परोसे जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का …

 Benefits of Millets नई दिल्ली, Benefits of Millets : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स यानी मोटा अनाज को बढ़ावा देने का आह्‍वान किया है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में उन्‍होंने कहा कि जी20 की बैठकों में मोटे अनाज के व्‍यंजन ही परोसे जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। आखिर मिलेट क्या होता है और इसे खाने के क्या है फायदे, आओ जानते हैं कि यह कौन कौन से रोग दूर भगा सकता है। वही कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ने अपने सभी मंत्रियों के मिलेटस का लंच किया और सभी से अपील भी किया की इसका सेवन करें क्योकि यह सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है.

मिलेट क्या होता है : मोटे अनाज को मिलेट कहते हैं। यह 2 प्रकार का होता है एक मोटा दाना और दूसरा छोटा दाना। मिलेट में ज्‍वार (शबर्त), बाजरा, रागी (मडुआ), झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी (लघु धान्य), कोदो, चेना (चीना), सामा या सांवा और जौ आदि आते हैं।

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क्यों खाना बंद हुआ मिलेट : भारत में 60 के दशक में मिलेट का उत्पादन कम हुआ और उसकी जगह भारतीयों की थाली में गेहूं और चावल सजा दिए गए। 1960 के दशक में हरित क्रांति के नाम पर भारत के परंपरागत भोजन को हटा दिया गया। गेहूं को बढ़ावा दिया गया जो एक प्रकार का मैदा ही है। मोटा अनाज खाना बंद कर देने से कई तरह के रोग के साथ ही देश में कुपोषण भी बढ़ा है।

कम पानी और खर्चे में उगता यह अनाज : मोटे अनाज की फसल को उगाने के फायदा यह है कि इसे ज्यादा पानी की जरूत नहीं होती है। यह पानी की कमी होने पर खराब भी नहीं होती है और ज्यादा बारिश होने पर भी इसे ज्यादा नुकसान नहीं होता है। मोटा अनाज की फसल खराब होने की स्थिति में भी पशुओं के चारे के काम आ सकती हैं। बाजरा और ज्‍वार जैसी फसलें बहुत कम मेहनत में तैयार हो जाती है। इसके साथ ही मोटे अनाज वाली फसलों में रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करने की जरूत भी नहीं होती है। इसी के साथ ही इन फसलों के अवशेष पशुओं के चारे के काम आते हैंइसलिए इनको धान की पराली की तरह जलाना नहीं पड़ता और पर्यावरण प्रदूषण से भी बचा जा सकता है।

मिलेट्स खाने के फायदे

  • कोरोना के बाद मोटे अनाज इम्युनिटी बूस्टर के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं। इन्हें सुपरफूड कहा जाने लगा है।
  • मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्‍फोरस, मैंग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-बी-6, 3, कैरोटीन, लेसिथिन आदि तत्व होते हैं।
  • मिलेट शरीर में स्थित अम्लता यानी एसिड दूर करता है। एसिडिटी के कई नुकसान होते हैं।
  • इसमें विटामिन-B3 होता है जो शरीर की मेटाबॉलिज्‍म की प्रक्रिया को ठीक रखता है, जिससे कैंसर जैसे रोग नहीं होते हैं।
  • मिलेट टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में सक्षम है।
  • अस्थमा रोग में लाभदायक है मिलेट। बाजरा खाने से श्वास से संबंधि सभी रोग दूर होते हैं।
  • यह थायराइड, यूरिक एसिड, किडनी, लिवर, लि‍पिड रोग और अग्‍नाशय से संबंधित रोगों में लाभदायक है क्योंकि यह मेटाबोल्कि सिर्ड्रोंम दूर करने में सहायक हैं।
  • मिलेट पाचन तंत्र में सुधार करने में मदद करते हैं। इन्हें खाने से गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसे पेट के कोई रोग नहीं होते हैं।
  • मिलेट में एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करते हैं। यह त्वचा को जवां बनाए रखने में मददगार है।
  • मिलेट में केराटिन प्रोटीन कैल्शियम, आयरन और जिंक है जो बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करते हैं।
  • मिलेट शरीर को डीटॉक्‍सीफाई करते हैं, क्योंकि इसमें क्‍वेरसेटिन, करक्‍यूमिन, इलैजिक एसिड कैटिंस जैसे एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं।

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