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Delhi : श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कालेज डीयू दिल्ली विश्वविद्यालय में पहला सिख इतिहास कांग्रेस सम्मेलन बहुत अच्छा रहा - अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

naveen sahu
7 Jan 2023 5:56 PM GMT
Delhi : श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कालेज डीयू दिल्ली विश्वविद्यालय में पहला सिख इतिहास कांग्रेस सम्मेलन बहुत अच्छा  रहा   - अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट
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Delhi : पहला सिख इतिहास कांग्रेस सम्मेलन 2023 श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज , इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन 5,6और 7 को कॉलेज के सभागार में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि …

Delhi : पहला सिख इतिहास कांग्रेस सम्मेलन 2023 श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज , इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन 5,6और 7 को कॉलेज के सभागार में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह रहे , कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने की।सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने बताया कि हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हुए गुरुओं के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करें ।

यह सम्मेलन इतिहासकारों द्वारा सिख इतिहास को जो आधे अधूरे तरीके से दर्शाया गया है , उसकी क्षतिपूर्ति करेगा ।इस सम्मेलन में बीज वक्तव्य के रूप में अपनी बात रखते हुए भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष राघवेंद्र तंवर ने कहा कि गुरुओं कि शिक्षा हमारे जीवन की पथ प्रदर्शक है। इसके साथ ही उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में सिखों के अतुलनीय बलिदान को उद्धृत कर इतिहास लेखन में उसे जोड़े जाने का आह्वान किया ।सम्मेलन में पूर्व राज्यसभा सांसद व कॉलेज के शासकीय निकाय प्रबंध समिति के चेयरमैन सरदार तरलोचन सिंह ने कहा कि यह प्रथम सिख इतिहास सम्मेलन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के पिछले 500 वर्षों के इतिहास में सिख समुदाय के योगद्दान को ना केवल भुला दिया गया बल्कि दबाया गया।गुरु नानक के उदाहरण से उन्होंने यह बताया कि यह योगदान केवल भक्ति के क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि विज्ञान , राष्ट्रवाद व स्वाधीनता आंदोलन तक विस्तृत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने कहा कि सिखों का इतिहास जब तक सही नहीं लिखा जाएगा तब तक भारत का इतिहास सही नहीं होगा । इतिहास को सही से लिखने का काम अब के इतिहासकारों को करना होगा ।उन्होंने कविता के माध्यम से यह पंक्ति उद्धृत की,"भारत की जय हो , गुरु ग्रंथ की जय हो।" यह आज भी लोक स्मृतियों में है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो जसविंदर सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश विदेश के शोधार्थी , नामचीन स्कॉलर व एकेडमिक दुनिया के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति सिख इतिहास के विभिन्न पड़ावों और शख्सियतों पर पड़ताल करेगी ।कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन जगदीप सिंह कालों ,महासचिव, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में इतिहासकार मोहिंदर सिंह, निदेशक,भाई वीर सिंह सदन,प्रो.रमा शर्मा प्रिंसिपल हंसराज कॉलेज,प्रो. के पी सिंह,निदेशक,गांधी स्टडी केंद् दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही ।

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