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अब फैक्ट्री में हर साल पैदा होंगे 30 हजार बच्चे, नहीं पड़ेगी मां के कोख की जरुरत, जानिए क्या है बेबी पॉड और कैसे करेगा काम, देखें वीडियों...

Sharda Kachhi
5 Jan 2023 5:02 PM GMT

नई दिल्ली : बच्चे को पैदा करना कोई आसान बात नहीं होती, क्योकि एक मान नौ महीने तक अपने गर्भ में उसे पालती है और इतना दर्द सह कर उसे पैदा करती है, लेकिन जरा सोचिये कि बच्चे पैदा करने की भी फैक्ट्री हो सकती है.और वो साल में 30 हजार बच्चे पैदा …

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नई दिल्ली : बच्चे को पैदा करना कोई आसान बात नहीं होती, क्योकि एक मान नौ महीने तक अपने गर्भ में उसे पालती है और इतना दर्द सह कर उसे पैदा करती है, लेकिन जरा सोचिये कि बच्चे पैदा करने की भी फैक्ट्री हो सकती है.और वो साल में 30 हजार बच्चे पैदा करे. शायद नहीं…!, लेकिन अब आप इसे सोच भी सकते हैं और साकार होते भी देख सकते हैं. इसका दावा किया है बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्युनिकेटर हाशम अल-घाइली ने. उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया है जो ‘Ectolife: दुनिया की पहली कृत्रिम गर्भ सुविधा’ शीर्षक से यूट्यूब पर ट्रेंडिंग में है. इस वीडियो में दावा किया गया है कि बच्चे पैदा करने के लिए अब मां की कोख जरूरी नहीं होगी. यह काम अब ‘बेबी पॉड’ करेगा, नौ महीने बाद एक स्विच प्रेस कर बच्चों का जन्म हो सकेगा. बेबी पॉड लगाने का काम कंपनी करेगी, जिसका नाम एक्टोलाइफ है.

जानिए क्या है ‘बेबी पॉड’

यह एक तरह की मशीन है, जो बच्चे को बिल्कुल मां की कोख की तरह अहसास कराएगी. इसीलिए इसे कृत्रिम गर्भ भी कहते हैं. ये मशीन वो सारे काम करेगी जो बच्चेदानी करती है. जिस तरह से गर्भ में प्लेसेंटा के जरिए बच्चे को पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलती है. इसी तरह मशीन में भी एक कृत्रिम प्लेसेंटा होगी जो बच्चे तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाएगी. इसका एक निश्चित तापमान होगा. जिस पर नजर रखने के लिए मॉनीटर होगा. इसी मॉनीटर में बच्चे की हार्टबीट, उसके विकास आदि पर नजर रखी जाएगी.

75 लैब होंगी, हर लैब में होंगे 400 बेबी पॉड

बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्युनिकेटर हाशम अल-घाइली ने यूके के मेट्रो से बातचीत में बताया कि एक्टोलाइफ 75 लैब बनाएगा और हर लैब में 400 बेबी पॉड होंगे. जो पूरी तरह से यूट्रेस की तरह डिजाइन होंगे. यह बच्चे को वही अहसास कराएंगे जो बच्चे को मां के गर्भ में होता है. माता पिता एक एप के द्वारा बच्चों के विकास पर घर बैठे नजर रख सकेंगे. यदि बच्चों के विकास में कुछ गड़बड़ी होगी तो एप समय रहते ही जानकारी दे देगा. नौ महीने पूरे होते ही एक स्विच प्रेस करते ही बच्चे की डिलीवरी हो जाएगी.

घर ला सकेंगे ‘मनमाफिक’ बच्चे

एक्टोलाइफ कंपनी की ओर से शुरू की जाने वाली कृत्रिम गर्भ सुविधा में अभिभावकों के लिए अलग-अलग पैकेज होंगे, मेट्रो की एक रिपोर्ट के हिसाब से इसका एक एलाइट पैकेज भी होगा जिससे अभिभावक यह तय करेंगे कि उन्हें बच्चे का चेहरा, रंग, लंबाई कैसी चाहिए. इस पैकेज के तहत उन्हें 300 से ज्यादा जीन में से कोई एक चुनने की सुविधा मिलेगी. इनमें से नौ जीन को वह एडिट भी करके मनमाफिक बच्चा पा सकेंगे.

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