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CG News : जानिए कौन है कुमारी शैलजा ? आखिर क्यों चुनाव से ठीक पहले मिली उन्हें छत्तीसगढ़ की कमान, सोनिया गांधी बेहद खास रिश्ता...
रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से सालभर पहले कांग्रेस आलाकमान ने प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया को हटा दिया। पुनिया जुलाई, 2017 से छत्तीसगढ़ प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बीके हरिप्रसाद के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ प्रभारी बनाया गया। 2018 में कांग्रेस की जीत के शिल्पकार थे। इससे पहले खंड-खंड में बंटी कांग्रेस को एक …
रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से सालभर पहले कांग्रेस आलाकमान ने प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया को हटा दिया। पुनिया जुलाई, 2017 से छत्तीसगढ़ प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बीके हरिप्रसाद के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ प्रभारी बनाया गया। 2018 में कांग्रेस की जीत के शिल्पकार थे। इससे पहले खंड-खंड में बंटी कांग्रेस को एक करने की जिम्मेदारी निभाई थी।
कांग्रेस में देर शाम हुए फेरबदल में कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का नया प्रभारी बनाया गया है। शैलजा छत्तीसगढ़ में प्रभारी रहे पीएल पुनिया की जगह लेंगी। हिसार की रहने वाली कुमारी शैलजा केंद्र सरकार में मंत्री भी रही है। सोनिया गांधी के बेहद करीबी मानी जाने वाली कुमार शैलजा ने पंजाब यूनिवर्सिटी से दर्शन शास्त्र में एमफिल की है।
कुमारी शैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार जिले के प्रभुवाला गांव में हुआ। शैलजा ने 15वीं लोकसभा में केंद्रीय मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाली, वो भारत सरकार में बतौर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभारी आवास शहरी गरीबी उन्नमूलन व पर्यटन मंत्रालय संभाल चुकी है। उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र में दो कार्यकालों तक कार्य किया। अंबाला में सेवा देने से पहले, वे दो कार्यकालों के लिए सिरसा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनी गई थीं। सोनिया गांधी की करीबी मानी जाने वाली शैलजा 2019 में हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी है।
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चुनाव के ठीक पहले शैलजा को कमान दिये जाने के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि वो दलित वर्ग से आती है। मुखर वक्ता के साथ गांधी परिवार की बेहद खास है। उनकी गिनती बेहद तेज तर्रार कांग्रेस नेत्री में रही है। सबसे अहम बात ये है कि उन्हें सत्ता और संगठन दोनों में रहने का खासा अनुभव है। महिला कांग्रेस के साथ-साथ हरियाण कांग्रेस जैसे उथल पुथल वाले राज्य की भी कमान संभाल चुकी है। छत्तीसगढ़ में मौजूदा हालात में सांगठनिक तौर पर सामंजस्य प्रभारी पीएल पुनिया नहीं बना पा रहे थे। कई बार बैठकों में उनके निर्देश के अनुरूप काम भी नहीं हुआ था। माना जा रहा था कि पुनिया की बातों को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही थी, लेकिन शैलजा बेहद सख्त हैं और उन्हें संगठन चलाने का भी बखूबी अनुभव है। इन्हीं वजहों से उन्हें छ्त्तीसगढ़ की कमान चुनाव के ठीक पहले दी गयी है।