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Chhattisgarh

CG News : अब सभी यूनिवर्सिटी में होंगे चार वर्षीय डिग्री कोर्स, अभी सिर्फ 8 कॉलेजों में हो रहा संचालन...

Sharda Kachhi
23 Nov 2022 8:20 AM GMT
CG News
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रायपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। यह पाठ्यक्रम शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में लागू हो जाएगा। इन पाठ्यक्रमों के नियम अगले सप्ताह तक सभी विश्वविद्यालयों के साथ साझा कर दिए जाएंगे। 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को सभी …

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रायपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। यह पाठ्यक्रम शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में लागू हो जाएगा। इन पाठ्यक्रमों के नियम अगले सप्ताह तक सभी विश्वविद्यालयों के साथ साझा कर दिए जाएंगे। 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय और अधिकांश राज्यों और प्राइवेट विश्वविद्यालय में लागू किया जाएगा। इधर उच्च शिक्षा सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सभी एक दर्जन राज्य विश्वविद्यालयों में भी अगले सत्र यानी 2024 से 4 वर्षीय डिग्री कोर्स के निर्देश लागू हो जाएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रदेश के 8 कॉलेजों में पहले से ही लागू कर दिया गया है।

इनमें रायपुर के 3 साइंस कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज और छत्तीसगढ़ कॉलेज के अलावे दुर्ग के दिग्विजय कॉलेज, राजनांदगांव राघवेंद्र कॉलेज और बिलासा कॉलेज बिलासपुर, पीजी कॉलेज सरगुजा शामिल है। इन कॉलेजों में सभी पाठ्यक्रमों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है, जिनकी पढ़ाई भी होने लगी है। इन 4 वर्षों में पहले वर्ष उत्तीर्ण होने वाले को सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में डिग्री और चौथे वर्ष में ऑनर्स डिग्री दी जाएगी। 2023-24 से जहां भी नए छात्रों के पास 4 साल वाले अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प होगा, वहां पुराने छात्रों के लिए 4 वर्षीय ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की स्कीम की मंजूरी दी जाएगी।

इसका सीधा-सीधा अर्थ यह है कि ऐसे छात्र जिन्होंने इस वर्ष सामान्य तौर पर 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है, उन्हें भी अगले सत्र से 4 साल की डिग्री कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। यूजीसी 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों के मामले में विभिन्न विश्वविद्यालयों को स्थानीय स्तर पर कुछ नियम बनाने की छूट देगा। विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल और एजुकेटिव काउंसिल में इसे लेकर आवश्यक नियम तय किए जाएंगे। विश्वविद्यालय चाहे तो फाइनल ईयर में पढ़ने वाले छात्रों को भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने का मौका दे सकता है।

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