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अब मुप्त राशन योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे लोग, इस वजह से लिया गया फैसला...

Rohit Banchhor
26 Oct 2022 3:51 AM GMT
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दिल्ली, Alert : देश में बढ़ती महंगाई के चलते हर कोई परेशान है ऐसे में हर वर्ग का व्यक्ति किसी न किसी तरह से अपना गुजारा कर रहा है। Alert कोरोना महामारी के वक्त सरकार ने गरीब परिवार को मुफ्त राशन मुहैया कराया था जिसकी शुरूआत PMGKAY योजना के तहत 26 मार्च 2020 …

दिल्ली, Alert : देश में बढ़ती महंगाई के चलते हर कोई परेशान है ऐसे में हर वर्ग का व्यक्ति किसी न किसी तरह से अपना गुजारा कर रहा है। Alert कोरोना महामारी के वक्त सरकार ने गरीब परिवार को मुफ्त राशन मुहैया कराया था जिसकी शुरूआत PMGKAY योजना के तहत 26 मार्च 2020 को की गई थी। लेकिन अब जल्द ही इस योजना को बंद किया जा रहा है क्योंकि वित्त मंत्रालय ने खुद इस योजना को लेकर आपत्ती जताई है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि फ्री राशन योजना को आगे बढ़ाने या टैक्स में कोई राहत देने से सरकार की वित्तीय सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

योजना से फूड सब्सिडी के बिल में हो रहा इजाफा

बता दे कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर पहले भी सरकार ने PMGKAY योजना की तारीख को आगे बढ़ा कर सितंबर 2022 किया गया था लेकिन सरकार का अनुमान है की अगर इस योजना और बढ़ाया जाता है तो सब्सिडी के बिल में अधिक वृद्धि हो सकती है जो कि ठीक नही है।

आपको बता दें कि सरकार ने इस साल बजट में फूड सब्सिडी के लिए 2.07 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया था. जो कि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के 2.86 लाख करोड़ रुपये से कम था। अगर PMGKAY योजना को आगे बढ़ाया गया तो फूड सब्सिडी का बिल 80 हजार करोड़ रुपये बढ़कर करीब 3.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

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कस्टम ड्यूटी में कटौती की वजह से हुआ करोड़ों का नुकसान

फूड सिक्योरिटी और फिस्कल कंडीशन को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय ने सलाह है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सितंबर से और आगे नहीं बढ़ाया जाए, क्योंकि फ्री राशन स्कीम को बढ़ाने, फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ाए जाने, रसोई गैस पर सब्सिडी वापस लाने, खाने के तेलों पर कस्टम ड्यूटी घटाने को लेकर काफी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं व्यय विभाग के बताया कि पिछले महीने पेट्रोल-डीजल पर कस्टम ड्यूटी कम करने से अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हो चुका है। साथ ही इकोनॉमिक रिव्यू में भी सब्सिडी और टैक्स में कटौती के विरोध में वित्त मंत्रालय ने तर्क प्रस्तुत किया था।

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