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Diwali 2022 : दिवाली के जश्न की तैयारी में लगा पूरा देश, लेकिन यहां नहीं मनाया जाता यह महापर्व, जाने इसके पीछे का कारण...

naveen sahu
22 Oct 2022 10:21 AM GMT
Diwali 2022 : दिवाली के जश्न की तैयारी में लगा पूरा देश, लेकिन यहां नहीं मनाया जाता यह महापर्व, जाने इसके पीछे का कारण...
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नई दिल्ली। भारत में दीपावली (Diwali 2022) का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। हिंदू धर्म में दीपावली को बेहद खास माना जाता है। यह पर्व देश के अलावा विभिन्न देशों में भी मनाई जाती हैं। यह ऐसा पर्व हैं जिसका इन्तजार बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक करते हैं। यही नहीं दिवाली की तैयारीयां …

नई दिल्ली। भारत में दीपावली (Diwali 2022) का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। हिंदू धर्म में दीपावली को बेहद खास माना जाता है। यह पर्व देश के अलावा विभिन्न देशों में भी मनाई जाती हैं। यह ऐसा पर्व हैं जिसका इन्तजार बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक करते हैं। यही नहीं दिवाली की तैयारीयां भी महीने भर से की जाती हैं और पांच दिनों तक बड़े ही धूम धाम से फटाको-फूलझड़ियों की रौनक में दीपावली सेलिब्रेट किया जाता हैं।

लेकिन देश में कई ऐसी जगहे हैं जहां पर दिवाली नहीं मनाई जाती। इन जगहों पर लोग दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा भी नहीं करते हैं और न ही पटाखे जलाते हैं। अब आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी और यकीन नहीं हो रहा होगा। आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं।

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हम जहां की बात कर रहे हैं वह है केरल जहाँ दीपावली नहीं मनाई जाती है। यहाँ सिर्फ कोच्चि शहर में ही दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। आपके मन में सवाल खड़ा हो रहा होगा कि इस राज्य में लोग दिवाली क्यों नहीं मनाते हैं? यहां पर दिवाली नहीं मनाए जाने के पीछे कुछ कारण हैं।

मान्यता है कि केरल के राजा महाबली की दिवाली के दिन मौत हो गई थी। इसकी वजह से तब से यहां पर दिवाली नहीं मनाई जाती है। केरल में दिवाली न मनाने की पीछे दूसरी वजह यह भी है कि हिंदू धर्म के लोग बहुत कम हैं। यह भी बताया जाता है कि राज्य में इस समय बारिश होती है जिसकी वजह से पटाखे और दीये नहीं जलते हैं।

तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर दिवाली नहीं मनाई जाती है। वहां पर लोग नरक चतुदर्श का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

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